शहर में सभी गली-मोहल्लों, चौक-चौराहों के सुसज्जित पंडालों में विघ्नहर्ता गणपति जी की प्रतिमाएं स्थापित की गई हैं। स्थापना के बाद से ही प्रतिदिन दर्शन के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ रही है। सुबह से शाम आरती के साथ विशेष पूजा कर भोग लगाया जा रहा है।
पूरा शहर विघ्नहर्ता गणपति जी की भक्ति में डूबकर आनंद ले रहा है। आने वाले अनंत चतुर्दशी तक शहर में मंत्रों की गूंज सुनाई देगी। शहर में विभिन्न स्थानों पर भगवान लंबोदर की प्रतिमाएं स्थापित की गई है। व्यापार विहार में 52 फीट की गणेश की मूर्ति स्थापित की गई है जिसे देखने भक्तों की भीड़ उमड़ रही है। तेलीपारा स्थापित मूर्ति में रिद्धि-सिद्धि के साथ गणपति विराजमान है। राजकिशोर नगर में बच्चों ने स्माइली मॉडल में मिट्टी के गणेश की स्थापना की है जिसे लेकर बच्चों में खुशी का माहौल है। दयालबंद में रिद्धि-सिद्धि के गणेश को निहारते हुए आकर्षक प्रतिमा स्थापित की गई है। सरकंडा, मध्यनगरी चौक, जबड़ापारा, गांधी चौक, लिंक रोड, मसानगंज, गोलबाजार, कुम्हारपारा, तोरवा, मंगला, जूना बिलासपुर समेत विभिन्न स्थानों पर आकर्षक प्रतिमाएं स्थापित की गई हैं। कहीं विघ्नों को दूर करने वाले त्रिमूर्ति गणेश तो कहीं लाल बाग के राजा के रूप में मूर्ति स्थापित हैं। रेल्वे परिक्षेत्र स्थित प्रसिद्ध सुमुख गणेश मंदिर में वैदिक विधि-विधान से गणपति जी का अभिषेक किया गया। मंदिर के सदस्य बी कृष्णकुमार, महादेवन व प्रो आनंद ने बताया कि मंदिर में वैदिक विधि-विधानों और साउथ की पूजा-पद्धति से पूजा होती है।