बिलासपुर।  जिले के मोहनभाठा में प्रवासी और स्थानीय पक्षियों का जमावड़ा देखा जा रहा है, जहां प्रकृति प्रेमी और पक्षी प्रेमी खासकर प्रवासी पक्षी ‘पैसिफिक गोल्डन प्लोवर’ के आगमन का बेसब्री से इंतजार करते हैं। इस साल यह दुर्लभ पक्षी हजारों किलोमीटर की उड़ान भरकर मोहनभाठा पहुंच चुका है। इसी के साथ स्थानीय ‘लव बर्ड’ की भी झुंडों में यहां मौजूदगी दर्ज की गई है, जो पक्षी प्रेमियों के लिए एक खुशी का कारण है। मगर प्रकृति प्रेमी इस जगह पर बढ़ती असुरक्षा को लेकर चिंतित हैं।

मोहनभाठा में इस बार ‘गोल्डन प्लोवर’ के आठ पक्षियों का दल तीन बार देखा गया है। इसके अलावा काले तीतर का स्थायी वास बन गया है। प्रवासी पक्षियों की आठ से दस प्रजातियां यहां की झील और झाड़ियों में विचरण कर रही हैं। देसी पक्षी, गोह, और अन्य वन्यजीव भी यहां बड़ी संख्या में पाए जा रहे हैं।

हालांकि, इस प्राकृतिक सौंदर्य के बीच एक गंभीर चिंता भी उभर रही है। मोहनभाठा में सुरक्षा और संरक्षण की कमी के चलते यहां आने वाले पक्षियों को खतरा बना हुआ है। ‘लव बर्ड’ के जोड़े यहां के घने प्लांटेशन और सागौन के फूलों से आच्छादित क्षेत्र में बेखौफ विचरण करते हैं। लेकिन इस वीराने में असामाजिक तत्वों की मौजूदगी ने इन पक्षियों की सुरक्षा पर सवाल खड़े कर दिए हैं। शराबी और असामाजिक तत्व यहां मदिरा और मुर्गे के आनंद के लिए आते हैं, जिससे किसी बड़ी अनहोनी की आशंका बनी रहती है।

मोहनभाठा, जो बिलासपुर से 23 किलोमीटर दूर कोटा रोड पर स्थित है, वहां सेना की लावारिस पड़ी जमीन पर कब्जा किया जा रहा है।

वाइल्डलाइफ बोर्ड के मध्यप्रदेश व छत्तीसगढ़ में सदस्य रहे वरिष्ठ पत्रकार प्राण चड्ढा, जिन्होंने गोल्डन प्लोवर की तस्वीरें हाल ही में ली, उनका कहना है कि इस गंभीर स्थिति के बावजूद प्रशासन ने अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया है। अगर जल्द ही इस क्षेत्र की सुरक्षा पर ध्यान नहीं दिया गया, तो इन पक्षियों की जान को खतरा हो सकता है और यह प्राकृतिक स्थल अपनी विशेष पहचान खो सकता है।

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