बिलासपुर। श्री गुरु गोविन्द सिंघ का पवित्र प्रकाश पर्व 13 जनवरी को आ रहा है। इस तारतम्य में विगत दो दिनों से प्रभात फेरियां निकाली जा रही है। आठ जनवरी को प्रभात फेरी गुरुद्वारा दयालबंद से प्रारंभ होकर गांधी चौक, आदर्श कॉलोनी, पंजाबी कॉलोनी होते हुए वापस गुरुद्वारा दयालबंद पहुंची। 9 जनवरी को प्रभात फेरी गुरुद्वारा दयालबंद से प्रारंभ होकर जगमल चौक, तोरवा चौक, गुरुनानक चौक तक पहुंची। 10 जनवरी को मिलनी होगी। इसके लिए सेंट्रल गुरुद्वारा गोंडपारा की संगत श्याम टॉकीज चौक पहुंचेगी । 11 जनवरी को भी प्रभात फेरी निकलेगी जो अम्बा पार्क लिंगियाडीह तक जायेगी। प्रबंधक कमेटी की अपील पर समूह में साध संगत प्रभात फेरी में शामिल होने के लिए पहुंच रहे हैं।
46 अभिलाषियों ने किया अमृत पान
इसके पहले पंजाबी युवा समिति द्वारा समूह साध संगत एवं श्री गुरु सिंघ सभा प्रबंधक कमेटी दयालबंद के सहयोग से गुरुनानक देव जी के 550 वें पवित्र प्रकाश पर्व की अलौकिक कीर्तन दरबार का आयोजन 4 से 6 जनवरी तक किया गया। इसमें अमृतसर दरबार साहिब से भाई राम सिंघ जी, भाई ओंकार सिंघ ऊना वाले, भाई अमरजीत सिंघ पटियाला वाले व भाई सतनाम सिंघ दिल्ली वाले तथा कथा वाचक प्रदीप सिंघ जालंधर वाले ने सुबह व शाम के दीवान में हाजिरी भर मनोहर, रसभीने कीर्तन सही संगत को निहाल किया। इस बीच अमृत संचार का कार्यक्रम भी रखा गया, जिसमें अमृतसर दरबार से पंज प्यारे साहिब पहुंचे थे। उन्होंने 46 अभिलाषियों को अमृतपान कराया और उन्हें अपना गुरु बनाया। अमृत संचार कार्यक्रम में ग्रंथी की सेवा तविन्दरपाल सिंह अरोरा ने की। गुरमीत सिंह, करनवीर अरोरा आदि अन्य सहयोगी रहे।
कीर्तन दरबार में नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक व जिलाधीश डॉ. संजय अलंग व पूर्व मंत्री अमर अग्रवाल ने भी पहुंचकर मत्था टेका। उनको शॉल व श्रीफल से सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम को सफल बनाने में गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष अमरजीत सिंह दुआ, सचिव परमजीत सिंह सलूजा, कोषाध्यक्ष अनमोल सिंह अरोरा, जोगिन्दर सिंह गंभीर, त्रिलोचन सिंह अरोरा, सुरजीत सिंह सलूजा, गुरुभेज सिंह छाबड़ा, भूपिन्दर सिंह गांधी, अमरजीत सिंह छाबड़ा, गुरुदीप सिंह आजमानी, नरिन्दर पाल सिंह गांधी, नरिन्दर सिंह सलूजा, राजेन्द्र टुटेजा, अजीत सिंह गंभीर, कुलदीप सिंह गंभीर, मनदीप सिंह गंभीर, चरणजीत सिंह दुआ, एवं पंजाबी युवा समिति के अध्यक्ष सुरेन्दर सिंह छाबड़ा, उपाध्यक्ष जसपाल सिंह छाबड़ा, सचिव राजविन्दर सिंह गंभीर, कोषाध्यक्ष कुलदीप सिंह अरोरा, महेन्द्र सिंह छाबड़ा, अमरजीत सिंह टुटेजा, परमजीत सिंह उपवेजा, अनिल सलूजा, हरजीत सिंह सलूजा, चरणजीत सिंह गंभीर, दिलबाग सिंह छाबड़ा, बलविन्दर सिंह सलूजा, इंदरजोत सिंह इच्छपुरानी, कुलवंत सिंह सलूजा, बलजीत सिंह गंभीर व समूह साध संगत का सहयोग रहा।
कीर्तन दीवान में हाजिरी भरने वाली महिलाओं में रेशम कौर गंभीर, महेन्दर कौर सलूजा, रानी छाबड़ा, रनजीत कौर दुआ, गोल्डी छाबड़ा, बलजीत कौर अजमानी, जसमीत कौर गांधी, ऊषा टुटेजा, त्रिलोचन कौर गांधी, अंजली सलूजा, सत्या सलूजा, बिन्नी कौर गंभीर, रोजी छाबड़ा, दविन्दर कौर सलूजा, हरजीत कौर इच्छपुरानी, एकता कौर अरोरा, मंजीत कौर गंभीर आदि शामिल थीं।
सुखमनी साहेब सर्कल द्वारा गुरुद्वारा दयालबंद में लगा गतका कैम्प
सुखमनी साहिब सर्किल और गुरुद्वारा श्री गुरु सिंघ सभा दयालबंद में श्री गुरुगोबिन्द सिंघ जी का प्रकाश पर्व उत्सव बड़े श्रद्धापूर्वक मनाया जायेगा। इस उपलक्ष्य में 11 जनवरी को एक विशाल नगर कीर्तन गुरुद्वारा दयालबंद से प्रारंभ होगा, जिसका समापन सेंट्रल गुरुद्वारा में होगा। इस कार्यक्रम में हिस्सा लेने के लिए सुखमनी साहिब सर्किल की टीम की ओर से बच्चों और बड़ों के लिए गतका क्लासेस चलाई जा रही है। इस टीम का नगर कीर्तन के साथ-साथ शहर के विभिन्न स्थानों पर प्रदर्शन होगा। इसमें सिख समाज की महिलाएं और बच्चे भाग ले रहे हैं। गुरुद्वारा में ही ये क्लासेस लगाई जा रही हैं।
उल्लेखनीय है कि सिक्ख धर्म में गतके का महत्वपूर्ण स्थान है। छठवीं पातशाही श्री हरगोबिन्द साहेब की यह देन है। उन्होंने सिक्खों को मीरी, पीरी नामक दो तलवारें धारण करवाई, जिसमें क दया, संयम, धैर्य और दूसरी अन्याय के विरुद्ध शौर्य, बल और वीरता का प्रतीक है।
इस कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए सुखमनी साहेब की सारी टीम कार्यरत ह । मुख्य रूप से दलजीत कौर सलूजा (रोमी), हरमीत कौर गंभीर, रूबी कौर छाबड़ा, गोल्डी कौर सलूजा, रजनीत कौर टुटेजा, सरबजीत कौर, कमल वाधवा आदि शामिल थे।