सरगुजा कमिश्नर को लिखा पत्र, ग्राम सभा के दस्तावेज मांगे
रायपुर। परसा कोल ब्लॉक (Parsa coal mines) में उत्खनन की कार्रवाई पर राज्य अनुसूचित जनजाति आयोग ने आगामी आदेश तक कोई कार्रवाई नहीं करने कहा है। आयोग ने सरगुजा के कमिश्नर को अगली बैठक में इस कोल ब्लॉक की स्वीकृति के लिए पारित ग्राम सभा के प्रस्ताव से संबंधित समस्त दस्तावेज उपलब्ध कराने कहा है।
लोकसभा चुनाव खत्म के बाद परसा कोल ब्लॉक के लिए पेड़ों की कटाई शुरू होने की आशंका के बीच हसदेव अरण्य क्षेत्र के इस प्रस्तावित कोयला खदान के संबंध में आयोग का निर्देश जारी हुआ है। सरगुजा जिले के उदयपुर ब्लॉक में स्थित परसा कोल ब्लॉक की मंजूरी को लेकर मुंशीराम पोर्ते, रामलाल करियाम, कंवल साय पोर्ते सहित 40 से अधिक ग्रामीणों ने आयोग के समक्ष एक आवेदन दिया था। इसमें कहा गया था कि सरगुजा जिले के साल्ही, उदयपुर, फत्तेपुर तथा सूरजपुर जिले के तारा, चारपारा व जनार्दनपुर गांवों में सरकार ने कोयला खदान शुरू करने का प्रस्ताव दिया था। उक्त सभी गांव पांचवीं अनुसूचित क्षेत्र में आते हैं। शासन प्रशासन ने फर्जी ग्राम सभा कराई और पर्यावरणीय स्वीकृति हासिल कर लिया। पेसा कानून के तहत भूमि अधिग्रहण से पहले ग्राम सभा की सहमति आवश्यक है। इसके तीन गांव ग्राम सभा की सहमति के बिना ही अधिग्रहित कर लिए गए हैं। ग्रामीणों ने फर्जी ग्राम सभा को निरस्त करने की मांग की थी।
इस शिकायत को पंजीबद्ध करते हुए आयोग ने सूरजपुर के अनुविभागीय दंडाधिकारी से जांच प्रतिवेदन मांगा था। इसमें सचिव ने प्रतिवेदन में बताया कि 24 जनवरी 2018 को हरिहरपुर की ग्राम सभा में सभी 22 प्रस्ताव सर्वसम्मति से पारित किए गए, जिनमें राजस्थान राज्य विद्युत उत्पादन निगम लिमिटेड की कोयला खदान के लिए भूमि के व्यपवर्तन का प्रस्ताव भी शामिल था। इसी प्रकार साल्ही में 27 जनवरी 2018 को 23 प्रस्ताव पारित किए गए, जिनमें भी खदान के लिए भूमि के व्यपवर्तन का प्रस्ताव शामिल था।
दूसरी तरफ आवेदकों के कथन और दस्तावेजों के मुताबिक दोनों ही गांवों में ग्राम सभा की स्वीकृति के फर्जी दस्तावेज तैयार किए गए और उसी के आधार पर वन स्वीकृति हासिल की गई। भूमि डायवर्सन का प्रस्ताव ग्राम सभा में पारित नहीं किया गया था। बैठक समाप्त हो जाने के बाद उसे अलग से जोड़ा गया है। कोल ब्लॉक की अनापत्ति ग्राम सभा की गैर मौजूदगी में जोड़ी गई है। साल्ही की सभा में कंपनी ने 450 लोगों की उपस्थिति दर्शाई है जबिक कार्रवाई पंजी में मात्र 150 लोगों की उपस्थिति दर्ज की गई थी।
आयोग ने कहा है कि उक्त प्रकरण में ज्ञात होता है कि ग्राम सभा में पारित प्रस्ताव विधि अनुरूप नहीं है। जिला पंचायत द्वारा भी भूमि अधिग्रहण व भूमि का स्वरूप बदलने के लिए किसी प्रकार का निर्देश जारी नहीं किया गया। 23 जनवरी 2018 को ग्राम सभा निरस्त कर 27 जनवरी 2018 को रखने के बारे में भी अनुविभागीय अधिकारी ने उल्लेख नहीं किया है। इस प्रकार साल्ही में पारित प्रस्ताव विधि अनुरूप नहीं होने के कारण आयोग का अंतिम निर्णय होने तक कोई अग्रिम कार्रवाई नहीं की जाए।
सरगुजा कमिश्नर को 30 मई को भेजे गए पत्र में आयोग ने कहा है कि निकट भविष्य में आयोग की बैठक सरगुजा संभाग में होगी, जिसमें ग्राम सभा की सूची, ग्रामवासी मतदाताओं की सूची, वीडियोग्राफी, फोटोग्राफी की दो दो प्रति उपलब्ध कराई जाए।