बिलासपुर। निलंबित एडीजी मुकेश गुप्ता के प्रमोशन को लेकर कैट के आदेश के खिलाफ राज्य शासन की दायर याचिका पर हाईकोर्ट में सुनवाई पूरी हो गई। मामले में फैसला सुरक्षित रखा गया है।
उल्लेखनीय है कि भाजपा शासनकाल में सन् 2018 में निलंबित अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक मुकेश गुप्ता को महानिदेशक पद पर पदोन्नत कर दिया गया गया था। छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद सन् 2019 में उनका प्रमोशन निरस्त कर दिया गया। इसका आधार यह बताया गया कि उनके विरुद्ध अलग-अलग कई आपराधिक प्रकरण दर्ज हैं। फोन टेपिंग सहित कई गंभीर मामलों में उनकी भूमिका संदेहास्पद है। उनके अनिवार्य सेवानिवृत्ति से संबंधित फाइल भी केंद्र सरकार के समक्ष विचाराधीन है। उनकी पदोन्नति में सेवा नियमों का उल्लंघन किया गया।
अपना प्रमोशन निरस्त होने के खिलाफ गुप्ता ने केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण (कैट) में अपील की थी। कैट ने राज्य सरकार के प्रमोशन निरस्त करने के आदेश पर रोक लगा दी। कैट के आदेश के विरुद्ध राज्य शासन ने आपराधिक मामलों, सेवानिवृत्ति विचाराधीन होने सहित अन्य बिंदुओं का हवाला देते हुए कैट के आदेश के विरुद्ध हाईकोर्ट में अपील दायर की। इसमें निलंबित एडीजी मुकेश गुप्ता के वकील की ओर से कहा गया है कि उन्हें राजनीतिक कारणों से आपराधिक मामलों में फंसाया गया है। पदोन्नति भी राजनीतिक कारणों से निरस्त किया।