बिलासपुर। भोरमदेव अभ्यारण्य को टाइगर रिजर्व घोषित करने के मामले में हाईकोर्ट ने शासन से जवाब तलब किया है।
कवर्धा के भोरमदेव अभ्यारण को टाइगर रिजर्व घोषित करने दायर की गई रायपुर निवासी नितिन सिंघवी की जनहित याचिका पर आज हाईकोर्ट चीफ जस्टिस के डिवीजन बेंच में सुनवाई हुई। जिसमें मंगलवार को याचिकाकर्ता सिंघवी की ओर से कोर्ट को बतलाया गया कि राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण एन टी सी ए के द्वारा वर्ष 2014 में टाइगर रिजर्व की अनुशंसा की गई थी और वन संरक्षण ने सहमति दी थी। इसके बाद भी राज्य शासन ने वर्ष 2018 में भोरमदेव को टाइगर रिजर्व घोषित करने के प्रस्ताव को रद्द कर दिया। याचिकाकर्ता की ओर से हुई बहस के बाद हाईकोर्ट ने राज्य शासन से 4 सप्ताह में जवाब मांगा है।