बिलासपुर। छत्तीसगढ़ के पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा की अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने ईओडब्ल्यू (आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो) को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। इस मामले की अगली सुनवाई 13 मार्च को होगी।

2160 करोड़ के शराब घोटाले में घिरे लखमा

2160 करोड़ रुपए के बहुचर्चित शराब घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) पहले ही लखमा के बेटे हरीश लखमा को गिरफ्तार कर चुकी है। इस केस में पूछताछ के लिए ईडी ने पूर्व मंत्री कवासी लखमा को भी रायपुर बुलाया था, जहां लंबी पूछताछ के बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। जब यह घोटाला उजागर हुआ था, तब लखमा आबकारी मंत्री थे।

EOW को जल्द कार्रवाई का निर्देश

लखमा ने ईओडब्ल्यू के खिलाफ अग्रिम जमानत के लिए हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी, जिस पर आज जस्टिस अरविंद कुमार वर्मा की एकल पीठ में सुनवाई हुई। कोर्ट ने ईओडब्ल्यू को निर्देश दिया कि इस मामले को जल्द से जल्द सुलझाया जाए।

खारिज हो चुकी है एक याचिका

इससे पहले विशेष अदालत में भी कवासी लखमा की अग्रिम जमानत याचिका खारिज हो चुकी है। लखमा के वकील का कहना है कि पूर्व मंत्री निर्दोष हैं और उन्हें झूठे मामले में फंसाया जा रहा है। उन्होंने यह भी दावा किया कि ईडी की छापेमारी में लखमा के घर से कोई आपत्तिजनक दस्तावेज या अवैध पैसा बरामद नहीं हुआ।

आरोप – हर महीने मिलते थे 50 लाख

दूसरी ओर, ईओडब्ल्यू का आरोप है कि कवासी लखमा को शराब घोटाले से हर महीने 50 लाख रुपए का कमीशन मिलता था, जिससे उन्होंने अब तक करीब 2 करोड़ रुपए अवैध रूप से अर्जित किए हैं। इसी आधार पर ईओडब्ल्यू ने उनकी जमानत याचिका का विरोध किया।

अब देखना होगा कि 13 मार्च की सुनवाई में हाईकोर्ट इस मामले पर क्या रुख अपनाता है।

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