बिलासपुर। जिले में वरिष्ठ आरक्षकों के लिए पांच दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन किया गया। पुलिस अधीक्षक रजनेश सिंह के निर्देशन में यह कार्यशाला 29 जुलाई से 2 अगस्त तक चली। इसमें 523 वरिष्ठ आरक्षकों को भारतीय कानूनों के संबंध में प्रशिक्षित किया गया, जिससे वे विवेचना के अधिकार का सही निर्वहन कर सकें।
शासन द्वारा अधिसूचित भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023 के तहत, 10 वर्ष की सेवा अवधि पूर्ण कर चुके 523 वरिष्ठ आरक्षकों को विवेचना का अधिकार दिया गया है। इस क्रम में, पुलिस अधीक्षक रजनेश सिंह ने पहल करते हुए, विवेचना के अधिकार देने से पहले सभी वरिष्ठ आरक्षकों को प्रशिक्षण प्रदान किया। इस प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन पुलिस लाइन स्थित अरपा सभाभवन में हुआ।
प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन नगर पुलिस अधीक्षक पूजा कुमार, उमेश प्रसाद गुप्ता, निमितेश सिंह, सिद्धार्थ बघेल और उप पुलिस अधीक्षक मुख्यालय उदयन बेहार के पर्यवेक्षण में हुआ। थाना प्रभारियों, जिन्हें पूर्व में नवीन कानूनों का विस्तृत प्रशिक्षण दिया जा चुका था, ने ट्रेनर की भूमिका निभाई।
उप पुलिस अधीक्षक (IUCAW) अनिता प्रभा मिंज और अंजना केरकेट्टा ने महिला संबंधी अपराध और मिथ्या साक्ष्य संबंधी मामलों में प्रशिक्षण दिया। हरीश तांडेकर और प्रदीप आर्या ने मानव शरीर पर प्रभाव डालने वाले मामलों में, जबकि विजय चौधरी और किशोर केंवट ने लोक प्रशांति और लोक सेवकों द्वारा किए गए अपराध के मामलों में प्रशिक्षण दिया।
प्रशिक्षण के बाद, आरक्षकों की लिखित परीक्षा आयोजित की गई, ताकि अर्जित ज्ञान का परीक्षण किया जा सके। इस परीक्षा में प्राप्त अंकों के आधार पर आरक्षकों को विवेचना का अधिकार दिया जाएगा।
पुलिस अधीक्षक रजनेश सिंह ने कहा, “इस प्रशिक्षण का उद्देश्य हमारे आरक्षकों को नवीन कानूनों के तहत विवेचना करने के अधिकार देने से पहले दक्ष बनाना है। यह पहल हमारी पुलिस बल की दक्षता को बढ़ाएगी और न्याय प्रक्रिया को पारदर्शी और प्रभावी बनाएगी।”
इस कार्यक्रम के आयोजन में राजपत्रित अधिकारियों और ट्रेनरों का विशेष योगदान रहा। उनके द्वारा दिए गए प्रशिक्षण से आरक्षकों को न केवल कानूनी प्रावधानों का ज्ञान प्राप्त हुआ बल्कि व्यावहारिक दृष्टिकोण से विवेचना करने की क्षमता भी विकसित हुई।