रेंज के पुलिस अधीक्षकों के साथ बैठक में डॉ. शुक्ला ने दिया निर्देश
बिलासपुर। आगामी एक जुलाई से लागू होने वाले तीन नवीन आपराधिक कानूनों के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए सभी विवेचना अधिकारियों को पूरी तरह जागरूक करने और व्यापक स्तर पर प्रशिक्षण देने का निर्देश पुलिस महानिरीक्षक डॉ. संजीव शुक्ला ने दिया है। शुक्ला ने रेंज के पुलिस अधीक्षकों की बैठक में यह बात कही। उन्होंने कहा कि प्रशिक्षण के लिए कार्ययोजना तैयार किया जाए और सभी नये कानून के बारे में व्यापक जानकारी प्रत्येक पुलिसकर्मी को दी जाए।
पुलिस महानिरीक्षक ने साप्ताहिक समीक्षा बैठक में यह बात कही। बैठक में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक मुंगेली गिरिजा शंकर जायसवाल, पुलिस अधीक्षक जांजगीर-चाम्पा विवेक शुक्ला, पुलिस अधीक्षक बिलासपुर रजनेश सिंह, पुलिस अधीक्षक गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही भावना गुप्ता, पुलिस अधीक्षक कोरबा सिद्धार्थ तिवारी, पुलिस अधीक्षक सक्ती अंकिता शर्मा, पुलिस अधीक्षक सारंगढ़-बिलाईगढ़ पुष्कर शर्मा, पुलिस अधीक्षक रायगढ़ योगेश कुमार पटेल सहित रेंज कार्यालय में पदस्थ अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक मधुलिका सिंह उपस्थित थीं।
शुक्ला ने लंबित अपराध, महिलाओं और बच्चों से संबंधित अपराध, संपत्ति संबंधी अपराध, समंस-वारंट की तामीली एवं लघु अधिनियम व प्रतिबंधात्मक कार्यवाही अंतर्गत की गई कार्यवाही सहित जिले के कई महत्वपूर्ण विषयों की समीक्षा की। इस बात पर उन्होंने विशेष बल दिया कि गंभीर किस्म के प्रकरणों में सतत विवेचना करते हुए यथाशीघ्र विधिसम्मत निराकरण किया जाए, प्रकरण लंबी अवधि तक विवेचना में लंबित न रहे। महिलाओं और बच्चों से संबंधित मामलों में तत्काल संज्ञान लेकर विधि सम्मत कार्रवाई करने का निर्देश उन्होंने दिया। इस बात पर विशेष बल दिया गया कि महिलाओं, बच्चों से संबंधित प्रकरणों में त्वरित कार्रवाई करते हुए समय-सीमा के भीतर त्वरित निराकरण किया जावे। जिले में अभियान चलाकर लंबित प्रकरणों, विभागीय जांच तथा शिकायतों का त्वरित निराकरण कराये जाने निर्देशित किया गया। उन्होंने अनियमित वित्तीय कंपनियों के विरूद्ध दर्ज प्रकरणों में अंतरिम कुर्की, अंतिम कुर्की, नीलामी और निवेशकों की धनवापसी की नियमित समीक्षा का निर्देश दिया।
आईजी डॉ. शुक्ला ने इस बात पर विशेष बल दिया कि पुलिसकर्मी अनुशासन में रहें । किसी भी अनुशासनहीनता के लिए संबंधित के विरुद्ध नियमानुसार त्वरित अनुशासनात्मक कार्रवाई करें ताकि बल में अनुशासन का स्तर बना रहे। जिलों में बेस्ट पुलिसिंग के लिए सामुदायिक पुलिसिंग के लिए नवाचार पर भी बल दिया गया। पीड़ित क्षतिपूर्ति योजना अंतर्गत लंबित प्रकरणों एवं एससीएसटी एक्ट के लंबित राहत प्रकरणों का निराकरण स्वतः ध्यान देकर कराये जाने पुलिस अधीक्षकों को निर्देशित किया गया।