अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी में विभिन्न तकनीकी सत्रों विद्वानों के व्याख्यान आयोजित

गुरू घासीदास केन्द्रीय विश्वविद्यालय  की जीव विज्ञान अध्ययनशाला के प्राणी शास्त्र विभाग द्वारा ‘जीव विज्ञान में उदीयमान शोध‘ विषय पर चल रहे अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी में विभिन्न तकनीकी सत्रों का आयोजन किया गया। इन तकनीकी सत्रों में अंतरराष्ट्रीय एवं राष्ट्रीय प्रख्यात वैज्ञानिकों ने व्याख्यान दिए। इसमें उद्घाटन समारोह के मुख्य अतिथि प्रोफेसर शिव प्रसाद कोस्टा जी, वरिष्ठ अन्तरिक्ष वैज्ञानिक प्रो. शिव प्रसाद कोस्टा ने बताया कि  पत्तियों का सर्किट बनाकर उसमें सूचना को एकत्रित करना एवं खून का सर्किट बनाकर कैसे बीमारियों का पता लगाया जा सकता है। इसके विषय में अपने व्याख्यान के दौरान विस्तार से जानकारी प्रदान की।

अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी में मुख्य बीज वक्तव्य यूएसए से आए प्रोफेसर फ्रेडरिक विलियम्स ने बताया कि  दवा की खोज जेबरा मछली के द्वारा कैसे की जा सकती है । उन्होंने एल्जाइमर बीमारी में कई दवाइयों के प्रभाव के बारे में विस्तार से जानकारी दी।

संगोष्ठी में  रीजनल सेंटर फॉर बायोटेक्नालॉजी, नेशनल कैपिटल रिजन बायोटेक साइंस क्लस्टर, फरीदाबाद, हरियाणा के प्रोफेसर प्रसेनजीत गुछैत  ने डेंगू वायरस और उससे होने वाली प्लेटलेट्स की कमी के बारे में अपना शोध छात्र और छात्राओं से साझा किया।

एस्ट्रोबायोलॉजी एंड मेडिसिन सत्र में यूके के प्रोफसेर सोहन झीटा डॉ. वी. के. गुप्ता डॉ. विनोद कुमार गुप्ता आदि ने विभिन्न विषयों पर व्याख्यान दिया।

बायोटेक्नालॉजी, माइक्रोबायोलॉजी एंड नैनोटेक्नालॉजी विषय पर जैव प्रोद्यागिकी विभाग के स्मार्ट क्लास रूम में सत्र रखे गए। इसमें आईआईआई टी दिल्ली के प्रोफेसर डॉ. गजेन्द्र पीएस राघव ने व्याख्यान दिया।

प्रोफेसर एम.सी. अरूणा व डॉ. धनलक्ष्मी ललित शेट्टी ने विशेष आमंत्रित सत्र में व्याख्यान दिया।

जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय, नई दिल्ली की प्रोफेसर स्नेह लता पंवार डॉ. प्रज्ञा नायक ने भी विभिन्न विषयों पर व्याख्यान दिया।

कार्यशाला में कई सारे चिकित्सक भी देश- विदेश से हिस्सा लेने आये है. डॉ. अलका सेठ, अपोजी विश्वविद्यालय, ओहिओ, अमेरिका अनेक बीमारियों के बारे में विस्तार से जानकारी दी।

डोप टेस्टिंग विषय पर कार्यशाला का आयोजन हुआ जिसमें विश्वविद्यालय के शारीरिक शिक्षा विभाग के शिक्षकों एवं विषय विशेषज्ञों के बीच गहन चर्चा हुई।

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