जबलपुर पीठ ने सुनवाई के दौरान राज्य सरकार के रवैये पर नाराजगी जताई
बिलासपुर। कवर्धा के लोहारीडीह गांव में हुई हत्या के मामले में जबलपुर हाई कोर्ट में शिवप्रसाद उर्फ कचरू साहू की बेटी द्वारा दायर याचिका पर शुक्रवार को सुनवाई हुई। चीफ जस्टिस सुरेश कुमार कैथ और जस्टिस विवेक जैन की डिवीजन बेंच ने मध्य प्रदेश के डीजीपी को निर्देश दिए हैं कि मृतक शिवप्रसाद साहू का शव कब्र से निकालकर विशेषज्ञ चिकित्सकों की टीम द्वारा दोबारा पोस्टमार्टम किया जाए, जिसकी रिपोर्ट कोर्ट में पेश की जाए।
छत्तीसगढ़ की राजनीति में हलचल मचाने वाले इस हत्याकांड की निष्पक्ष जांच और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग के साथ मृतक की नौ वर्षीय बेटी ने न्यायालय की शरण ली है। राज्य सरकार ने अपनी रिपोर्ट में गलती को स्वीकारते हुए कहा कि घटनास्थल की परिस्थिति को देखते हुए शॉर्ट पोस्टमार्टम किया गया था। इसके आधार पर मृतक का शव बेटी को सौंप दिया गया, जिसे बाद में दफना दिया गया। हाईकोर्ट ने राज्य सरकार की इस प्रक्रिया पर नाराजगी जताई। कोर्ट ने शव को निकालकर दोबारा पोस्टमार्टम करने का आदेश दिया है, जिसमें मृतक के परिवार की उपस्थिति सुनिश्चित करने को कहा गया है।
सिंगल बेंच से निरस्त हुई थी याचिका
मृतक की बेटी ने मध्यप्रदेश के पूर्व महाधिवक्ता विवेक तन्खा और छत्तीसगढ़ के पूर्व उप महाधिवक्ता संदीप दुबे के माध्यम से जबलपुर हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी। पहले सिंगल बेंच ने इस याचिका को खारिज कर दिया था, जिसके बाद डिवीजन बेंच में पुनः अपील की गई। सुनवाई के दौरान वरिष्ठ अधिवक्ता तन्खा ने पुलिस की शुरुआती कार्रवाई पर आपत्ति जताते हुए इस मामले की स्वतंत्र एजेंसी से निष्पक्ष जांच और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की। अधिवक्ता तन्खा के साथ वरिष्ठ अधिवक्ता शशांक शेखर, हर्षित बारी और लालेश्वरी साहू भी याचिकाकर्ता की ओर से उपस्थित रहे। यह उल्लेखनीय है कि शिवप्रसाद साहू के परिवार को न्याय दिलाने के उद्देश्य से तन्खा इस कानूनी लड़ाई को बिना किसी शुल्क के लड़ रहे हैं ।