दिल्ली। आज से भारत में डिजिटल भुगतान, रेल यात्रा और वित्तीय सेवाओं से जुड़े कई नियम बदल गए हैं। इन बदलावों का उद्देश्य सुरक्षा बढ़ाना, धोखाधड़ी रोकना और सेवाओं को और सुगम बनाना है। राष्ट्रीय भुगतान निगम ऑफ इंडिया (एनपीसीआई) और भारतीय रेलवे ने इन नए दिशानिर्देशों की घोषणा की है। आइए जानते हैं मुख्य बदलावों के बारे में।

सबसे पहले, यूपीआई (UPI) भुगतान में एक बड़ा बदलाव आया है। 1 अक्टूबर से यूपीआई पर पीयर-टू-पीयर (P2P) कलेक्ट रिक्वेस्ट बंद हो जाएंगे। इसका मतलब है कि अब कोई व्यक्ति सीधे आपके UPI अकाउंट से पैसे मांग नहीं सकेगा। इसके बजाय, भुगतानकर्ता को पैसे भेजने होंगे। यह बदलाव धोखाधड़ी रोकने के लिए किया गया है।

ऑनलाइन रेल टिकट बुकिंग में भी सख्ती बरती गई है। आईआरसीटीसी के नए नियमों के अनुसार, सामान्य आरक्षित टिकट बुकिंग के पहले 15 मिनट केवल आधार प्रमाणित यूजर्स के लिए आरक्षित रहेंगे। अगर आपका आईआरसीटीसी अकाउंट आधार से लिंक नहीं है, तो आपको इन 15 मिनटों में टिकट बुक नहीं कर सकेंगे। साथ ही, एजेंटों की बुकिंग पर भी प्रतिबंध लगाया गया है। इसका फायदा आम यात्रियों को मिलेगा, जो टिकट जल्दी बुक कर सकेंगे।

इसके अलावा, आरबीआई के चेक क्लीयरिंग नियम में बदलाव हुआ है। अब चेक की वैलिडिटी 3 महीने की बजाय घटकर 1 महीना हो गई है। नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) में इक्विटी निवेश की सीमा बढ़कर 75% हो गई है, जो रिटायरमेंट प्लानिंग को मजबूत बनाएगा। जीएसटी ई-इनवॉयसिंग के दायरे में छोटे व्यवसायों को भी शामिल किया गया है, जिससे टैक्स प्रक्रिया आसान होगी। बैंक लॉकर एग्रीमेंट नए फॉर्मेट में होंगे, और ऑनलाइन गेमिंग में जीएसटी दरें 28% तय की गई हैं। स्पीड पोस्ट के किराए भी बढ़ाए गए हैं।

ये बदलाव आम लोगों की जिंदगी को प्रभावित करेंगे। विशेषज्ञों का कहना है कि डिजिटल सुरक्षा मजबूत होने से लेन-देन सुरक्षित होगा, लेकिन यूजर्स को नए नियमों से जल्दी परिचित होना चाहिए। अधिक जानकारी के लिए संबंधित वेबसाइट्स पर जाएं।

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