बिलासपुर। अपोलो अस्पताल की मानें तो पूर्व विधायक अमित जोगी का अपोलो अस्पताल में इलाज हो चुका है और उसे जेल प्रशासन यहां से डिस्चार्ज करके ले जा सकता है। जिला पुलिस का कहना है कि अमित को शिफ्ट करने के लिए जेल प्रशासन को फोर्स उपलब्ध करा दिया जायेगा। रायपुर से आई डॉक्टरों की एक टीम ने आज अपोलो जाकर अमित का स्वास्थ्य परीक्षण किया। उनकी रिपोर्ट के बाद ही अमित जोगी को जेल वापस भेजने या नहीं भेजने पर निर्णय लिया जायेगा। उनके परिवार वालों की मांग है कि उन्हें आगे इलाज के लिए दिल्ली भेजा जाये।

फर्जी प्रमाण पत्र के मामले में न्यायिक हिरासत में भेजे गए पूर्व विधायक अमित जोगी को वापस जेल भेजने को लेकर जेल प्रशासन फूंक-फूंक कर कदम रख रहा है। दरअसल, अमित जोगी ने आरोप लगाया था कि उन्हें तबियत में सुधार नहीं होने के बावजदू जबरन डिस्चार्ज करने का प्रयास किया जा रहा है। यह सरकारी दबाव के कारण हो रहा है।

पिछले 6-7 सितम्बर को छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अमित जोगी को अपोलो अस्पताल में दाखिल कराया गया था। उन्हें ब्लड प्रेशर बढ़ने, मष्तिष्क में रक्त प्रवाह में बाधा पहुंचने, मल-मूत्र त्याग करने में परेशानी होने जैसी शिकायतें थीं। अपोलो अस्पताल प्रबंधन ने विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम के साथ उनका इलाज कराया और उन्हें 9 सितम्बर से जनरल वार्ड में शिफ्ट कर दिया। इसके बाद कराये गए सभी टेस्ट के रिपोर्ट नार्मल मिलने अपोलो अस्पताल प्रशासन ने जेल प्रबंधन को इसकी जानकारी दे दी। अपोलो की ओर से कहा गया है कि उनकी ओर से अमित का इलाज पूरा हो चुका है अब जेल प्रशासन पर निर्भर है कि उन्हें आगे कहां इलाज के लिए लेकर जाना चाहते हैं। दूसरी तरफ छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस की ओर से जारी एक बयान में दावा किया गया है कि अपोलो अस्पताल के डॉक्टरों ने उन्हें आगे इलाज के लिए मेदांता दिल्ली शिफ्ट करने की सलाह दी है।

इसके पहले अमित जोगी ने अस्पताल के बेड से ही वीडियो जारी कर अपोलो प्रबंधन पर आरोप लगाया कि उसे सरकारी दबाव में तबियत ठीक नहीं होने के बावजूद डिस्चार्ज किया जा रहा है। इधर उनकी पत्नी ऋचा जोगी की ओर से भी आरोप लगाया गया है कि जिला प्रशासन और जेल प्रशासन के स्वास्थ्य अधिकारियों ने अधूरा मेडिकल रिपोर्ट जारी किया। ऋचा जोगी ने एक पत्र अपोलो अस्पताल प्रबंधन को भी सौंपा है जिसमें उन्होंने प्रबंधन पर आरोप लगाया है कि उन्होंने अमित जोगी के स्वास्थ्य से जुड़ी उन जानकारियों को सार्वजनिक कर दिया, जो गोपनीय होती है। सहमति के बिना ये जानकारी सार्वजनिक करने को लेकर उन्होंने प्रबंधन को कानूनी कार्रवाई करने की चेतावनी भी दी है।

इन सब घटनाक्रम के भीतर अपोलो अस्पताल प्रबंधन ने कल 10 सितंबर को जेल प्रशासन को फिर से जानकारी दे दी कि अमित जोगी का उपचार कर दिया गया है। अब उन्हें वे चाहें तो ले जा सकते हैं। जेल प्रशासन ने कल ही अमित जोगी को सेन्ट्रल जेल बिलासपुर में शिफ्ट करने की योजना बना ली थी लेकिन मोहर्रम के चलते पर्याप्त पुलिस बल नहीं मिल पाने के कारण यह नहीं हो सका।

अमित जोगी की पत्नी ऋचा जोगी का बयान सामने आने के बाद अब जेल प्रशासन ने उनका मेडिकल टीम से स्वास्थ्य परीक्षण कराने का निर्णय लिया। इसके बाद रायपुर से एक टीम ने अपोलो जाकर अमित जोगी के इलाज की रिपोर्ट देखी। इसके बाद टीम अपोलो से वापस चली गई है। इनकी रिपोर्ट के आधार ही तय होगा कि अमित जोगी को अपोलो से कहां शिफ्ट किया जाये।

जेल अधीक्षक संतोष मिश्रा का कहना है कि मेडिकल टीम की रिपोर्ट उच्चाधिकारियों को सौंपी जायेगी, इसके बाद निर्णय लिया जायेगा कि उनको कहां शिफ्ट किया जाये। इधर पुलिस अधीक्षक प्रशान्त अग्रवाल ने बताया है कि जेल प्रशासन द्वारा सुरक्षा के लिए यदि बल की मांग की जाती है तो वह उपलब्ध करा दिया जायेगा।

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