बिलासपुर विधायक शैलेश पांडे ने शिक्षा, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी और ग्रामोद्योग पर रखी बात
बिलासपुर। विधायक शैलेश पांडे ने शिक्षा लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी और ग्रामोद्योग सहित अनेक विषयों पर चर्चा करते हुए कहा कि मानव संसाधन हमारी जरूरत है। पूर्व की भाजपा सरकार ने इस पर कोई भी काम नहीं किया जिसके कारण 23 लाख युवा बेरोजगार हैं । इसका सबसे बड़ा कारण यह है कि शिक्षा नीति और उद्योग नीति को जोड़कर नहीं रखा गया।
पांडेय ने कहा कि उच्च शिक्षा के पास बाजार की मांग नहीं थी। बाजार की मांग के अनुसार ही पाठ्यक्रम तय किए जाने थे, जो पूर्व की सरकार ने नहीं किए। उन्होंने बताया कि पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की सरकार ने कौशल विकास के लिए काम किया था, जिसमें संगठित एवं असंगठित क्षेत्र के लोगों का कौशल विकास किया गया। इसका लाभ उन्हें मिला। अब हमारे प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री युवा हैं। वह हमेशा युवाओं के लिए बेहतर सोचेंगे और हम प्रदेश के युवाओं को बड़े मुकाम तक पहुंचाएंगे। 5 सालों में 80 प्रतिशत विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों में नेक निरीक्षण का लक्ष्य रखा जाना चाहिए ताकि हम प्रदेश में गुणवत्ता युक्त शिक्षा का प्रमाण हासिल कर सकें। पूरी शिक्षा व्यवस्था को हाईटेक करने की जरूरत है । इसके लिए ई-क्लासरूम, ऑनलाइन लेक्चर, वाईफाई केंपस बेहद जरूरी है।
पांडेय ने सीएमडी कॉलेज और बिलासा गर्ल्स कॉलेज की मांगों को सदन में रखा। उच्च शिक्षा मंत्री ने उसे पूरा करने का आश्वासन दिया। सीएमडी कॉलेज में प्राध्यापकों के पद समाप्त करने पर भी शैलेश पांडे ने उसे निरंतर करने की मांग सदन में रखी । उन्होंने कहा कि हमारा ग्रॉस इनरोलमेंट रेशियो तब बढ़ेगा जब हम शिक्षा के क्षेत्र में बेहतर काम करेंगे । उन्होंने कहा कि हमें दोनों काम करना है , पहला परंपरागत पाठ्यक्रमों को भी बनाए रखना है, और रोजगार मूलक पाठ्यक्रमों को भी संचालित करना है ।
शैलेश पांडे ने बिलासपुर और अरपा साडा परियोजना पर सवाल उठाते हुए करते हुए कहा कि पिछले 9 साल में अरपा साडा परियोजना में एक ईंट भी नहीं रखी गई है । आश्चर्य की बात तो यह है कि इस पर 4 करोड़ रुपए अब तक खर्च किए जा चुके हैं। पूर्व की भाजपा सरकार ने दो बराज और एक एनीकट बनाने की मांग को स्वीकार नहीं किया। पांडे ने लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी पर अपनी बात रखते हुए कहा कि सरकार ने प्रत्येक ग्रामीण और शहरी व्यक्ति को शुद्ध पेयजल मुहैया कराने का संकल्प लिया है, लेकिन आज हमारे पास पेयजल का माध्यम केवल बोर है। सिर्फ बोर ही एक मात्र माध्यम अब तक रखा गया है , लेकिन 12 साल में सरकार ने कोई व्यापक परियोजना नहीं बनाई, जिसके माध्यम से हम लोगों को साफ पीने योग्य पानी उपलब्ध करा सके । उन्होंने मांग की कि जल्द से जल्द जल के संसाधनों को स्थापित किया जाए। उन्होंने कहा कि हथकरघा में और अधिक क्षेत्रों को जोड़े जाने की जरूरत है, ताकि ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं और युवाओं को रोजगार मिल सके और गांव की चीजों का हम बेहतर उपयोग कर सकें।