चीफ जस्टिस सिन्हा ने सभी 23 जिलों का वर्चुअल मोड में किया निरीक्षण
बिलासपुर। राज्य में द्वितीय नेशनल लोक अदालत का आयोजन 13 जुलाई को किया गया। राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के संरक्षक, चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा ने सभी 23 जिला एवं सत्र न्यायालयों से वर्चुअल मोड के माध्यम जुड़कर इनकी कार्रवाई का निरीक्षण किया और जिला न्यायाधीशों तथा खंडपीठ के पीठासीन अधिकारियों से चर्चा की। उन्होंने लोक अदालत की प्रगति का जायजा लिया और उन्हें अधिक से अधिक प्रकरणों के निराकरण के लिए प्रोत्साहित किया।
रायगढ़ के एक प्रकरण, जिसमें एक उम्रदराज पति पत्नी के मध्य घरेलू हिंसा का विवाद था और वे अलग अलग रह रहे थे और लोक अदालत के दौरान उनका समझौता हुआ और वे एक साथ रहने के लिये तैयार हो गये। चीफ जस्टिस ने पक्षकारों के प्रयासों की सराहना की और दंपति को शुभकामनाएं दी ।
जस्टिस सिन्हा ने उच्च न्यायालय में गठित दो खंडपीठों का भी भ्रमण किया और कार्रवाई का जायजा लिया।
गौरतलब है कि चीफ जस्टिस की पहल पर छत्तीसगढ़ राज्य में पहली बार हाईकोर्ट के सभी न्यायाधीशों ने अपने पोर्टफोलियो जिलों में भ्रमण कर नेशनल लोक अदालत की कार्रवाई का निरीक्षण किया और लोक अदालत के पीठासीन अधिकारियों, सदस्यों व पक्षकारों को अधिक से अधिक मामले निपटाने के लिये प्रोत्साहित किया। इससे नेशनल लोक की पारदर्शी विश्वसनीयता बनी।
सभी जिलों का निरीक्षण करने की चीफ जस्टिस की पहल से लोक अदालत के पीठासीन अधिकारियों, सदस्यों व पक्षकारों को प्रोत्साहन मिला। साथ ही पक्षकारों में लोक अदालत की प्रमाणिकता बढ़ी।
छत्तीसगढ़ राज्य में उच्च न्यायालय से लेकर तालुका स्तर न्यायालयों के साथ साथ राजस्व न्यायालयों में 13 जुलाई को आयोजित नेशनल लोक अदालत के लिए कुल 605 खंडपीठों का गठन किया गया था। अंतिम आंकड़ों में 7 लाख 66 हजार 629 प्री- लिटिगेशन प्रकरण तथा 65 हजार 129 लंबित मामलों का निराकरण हुआ। इस प्रकार कुल 8 लाख 31 हजार 848 प्रकरणों का निराकरण करते हुए 2 अरब 30 करोड़ 09 लाख 55 हजार 219 रुपये का अवार्ड पारित किया गया।
जस्टिस सिन्हा ने लोक अदालत को सफल बनाने के लिए अपने पोर्टफोलियो के जिलों में जाने वाले हाईकोर्ट जजों को, हाईकोर्ट की पीठ के जजों को तथा सभी जजों व न्यायिक अधिकारियों को धन्यवाद दिया।