बिलासपुर में सड़कों से पकड़े गए आवारा बैलों को अब विशेष पिछड़ी जनजातियों के किसानों को सौंपा गया है। इन बैलों से न केवल उनकी कृषि कार्यों में मदद मिलेगी, बल्कि उनके जीवनयापन में भी सुधार होगा।
बिलासपुर के कोटा विकासखण्ड के ग्राम नागचुवा और धुमा में विशेष शिविर आयोजित कर बैगा और बिरहोर आदिवासी समुदाय के किसानों को 41 जोड़ी बैल निःशुल्क दिए गए हैं। यह पहल जिला प्रशासन और नगर निगम द्वारा की गई, जहां राष्ट्रीय राजमार्गों और प्रमुख मार्गों से घुमन्तू पशुओं को हटाने के अभियान के तहत पकड़े गए आवारा बैलों को मोपका गौठान में रखा गया था।
कलेक्टर अवनीश शरण और नगर निगम कमिश्नर अमित कुमार ने यह सुनिश्चित किया कि समयावधि के भीतर पशुओं को नहीं ले जाने पर, इन्हें विशेष पिछड़ी जनजातियों के किसानों को सौंपा जाए। पशुधन विकास विभाग, आदिमजाति विभाग, और नगर निगम के समन्वय से इन बैलों का चयन, स्थान और परिवहन की व्यवस्था की गई।
इन बैलों के मिलने से आदिवासी किसानों के चेहरों पर खुशी की लहर दौड़ गई है। अब ये बैल उनकी खेती में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे, जिससे उनकी कृषि उत्पादन क्षमता बढ़ेगी और आर्थिक स्थिति में भी सुधार होगा।