बिलासपुर। तखतपुर के गंगा हॉस्पिटल में दो आयुर्वेदिक चिकित्सक ऐलोपैथी से उपचार करते हुए पकड़े गए। जब स्वास्थ्य विभाग की टीम ने हॉस्पिटल में छापा मारा तो वहां पर चार मरीज भर्ती भी मिले। तत्काल नर्सिंग होम एक्ट के तहत अस्पताल को सील करने की कार्रवाई की गई।
सीएमएचओ डॉ. प्रमोद महाजन को लगातार शिकायत मिल रही थी कि तखतपुर में गंगा हॉस्पिटल संचालित हो रहा है. जिसका संचालन डॉ. अभिषेक जायसवाल और डॉ. योगेंद्र खरे कर रहे हैं। ये दोनों डॉक्टर आयुर्वेदिक चिकित्सक हैं लेकिन ये दोनों अस्पताल पहुंचने वाले मरीजों का एलोपैथिक पद्वति से उपचार कर रहे हैं। न ही इनके पास कोई एमबीबीएस डॉक्टर है और न ही नर्सिंग होम एक्ट के तहत लाइसेंस है। शिकायत के आधार पर सीएमएचओ ने डॉ. अनिल श्रीवास्तव, डॉ. मनीष श्रीवास्तव, डॉ. प्रभाकर नायडू और प्रवीण शर्मा की टीम को बुधवार को हॉस्पिटल के निरीक्षण के लिए भेजा। टीम ने देखा कि अस्पताल में चार मरीज भर्ती है। जिनका एलोपैथिक पद्वति से उपचार किया जा रहा है। इसके बाद जब दोनों चिकित्सक के डिग्री की जांच की गई तो दोनों ही ऐलोपैथिक चिकित्सक निकले। तब एलोपैथिक पद्वति से उपचार करने की जानकारी ली गई तो बताया गया कि एक एमबीबीएस डॉक्टर है जो उपचार करता है लेकिन वह मौके पर नहीं मिला। इसके अलावा इनके पास नर्सिंग होम एक्ट की अनुमति भी नहीं मिली। टीम ने तत्काल हॉस्पिटल को सील करने की कार्रवाई की।