कोरबा। छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले में स्थित एसईसीएल (साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड) के कुसमुंडा मेगाप्रोजेक्ट खदान में 27 जुलाई  को एक बड़ा हादसा हुआ। शाम 4.30 बजे भारी वर्षा के कारण खदान में कार्यरत 4 लोग पानी के बहाव में फंस गए। इनमें से 3 लोग सुरक्षित रूप से निकलने में सफल रहे, लेकिन सहायक प्रबन्धक (माइनिंग) जितेंद्र नागरकर पैर फिसलने के कारण पानी के बहाव में बह गए।

कुसमुंडा प्रबंधन ने तुरंत एक्शन लेते हुए बचाव कार्य शुरू किया और एसडीआरएफ (स्टेट डिजास्टर रिस्पॉन्स फोर्स) की टीम की सहायता से नागरकर को निकालने का प्रयास किया। पिछले दो दिनों में कोरबा सहित पूरे राज्य में भारी बारिश हुई है, जिसके कारण खदान में जल भराव की स्थिति उत्पन्न हो गई।

एसईसीएल के जनसंपर्क अधिकारी सनीश चंद्रा ने बताया कि खदान में एक साथ भारी मात्रा में बारिश होने के कारण, पानी की निकासी के ह्यूम पाइप्स में मलबा जमा हो गया, जिससे पानी ओवरफ्लो होने लगा और यह घटना घटी। एसईसीएल एवं कुसमुंडा प्रबंधन लगातार इस घटना की मॉनिटरिंग कर रहा है और एसडीआरएफ की सहायता से बचाव कार्य जारी है।

उन्होंने कहा खदान के एक हिस्से में एकाएक पानी का सैलाब आ गया, जिससे निरीक्षण करने गए खदान के  अधिकारी पानी में घिर गए। इनमें से एक अधिकारी, शिफ्ट इंचार्ज जितेंद्र नागरकर पानी की तेज बहाव में बह गए, उनकी तलाश की जा रही है।

घटना के बाद, बिलासपुर से एनडीआरएफ (नेशनल डिजास्टर रिस्पॉन्स फोर्स) की टीम को भी बुलाया गया। कुसमुंडा पुलिस ने भी मौके पर पहुंचकर रेस्क्यू कार्य में सहयोग किया। कुसमुंडा थाना प्रभारी रूपक शर्मा ने बताया कि, घटना की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और जानकारी लेते हुए रेस्क्यू कार्य शुरू किया। जिले में पिछले तीन दिनों से झमाझम बारिश हो रही है, जिसके कारण दीपका और कुसमुंडा खदान में जल भराव की स्थिति निर्मित हो गई है और उत्पादन भी प्रभावित हुआ है।

एसईसीएल के जनसंपर्क अधिकारी ने कहा कि प्रबंधन इस घटना को लेकर पूरी तरह से सतर्क हैं और बचाव कार्य में जुटे हुए हैं। उम्मीद है कि जल्द ही नागरकर का पता लगाकर उन्हें सुरक्षित बाहर निकाला जा सकेगा।

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