मजदूरों के खाते में लेते थे रकम, दो आरोपी राजस्थान से गिरफ्तार
बिलासपुर। ऑनलाइन पार्ट टाइम जॉब देकर 15 लाख रुपये से अधिक की ठगी करने के दो आरोपियों को पुलिस ने राजस्थान से गिरफ्तार किया है। इनका सरगना खाड़ी देश कतर की राजधानी दोहा के भारतीय मजदूरों से विदेशी मुद्रा लेकर भारत में ठगी की रकम को उनके परिजनों के पास खपाता है। पुलिस ने उस पर भी कार्रवाई की बात कही है।
बिलासपुर के परिजात एक्सटेंशन में रहने वाले सुनील कुमार (36 वर्ष) ने साइबर थाने में शिकायत दर्ज कराई थी कि क्वाइन स्विच इन्वेस्टमेंट मैनेजमेंट कंपनी का एचआर बनकर एक महिला ने उसे फोन किया और टेलीग्राम ऐप के ग्रुप में जुड़कर पार्ट टाइम जॉब का ऑफर दिया। इसमें कुछ छोटे-छोटे टास्क पर हर बार 200 रुपये मिलना बताया गया। शुरू में उसे यह रकम दी जाती रही। बाद में गलत टास्क होना बताकर सुनील कुमार से पैसे जमा कराया जाने लगा। उसे अधिक रकम जमा करने पर अधिक मुनाफा होने का लालच दिया गया। जब प्रार्थी ने इसके पीछे 15 लाख 4 हजार 850 रुपये गवां डाले, तब उसे ठगी की आशंका हुई और उसने पुलिस में रिपोर्ट लिखाई।
एफआईआर के बाद साइबर पुलिस ने जांच शुरू की। जिन खातों में रकम जमा कराई गई थी उनका बैंक स्टेटमेंट, ऑनलाइन ट्रांजेक्शन, एटीएम से निकाली गई रकम, उपयोग में लाए गए मोबाइल फोन के आईएमईआई नंबर, सिम नंबर आदि की समीक्षा करने पर पता चला कि आरोपी राजस्थान के गुडपालिया, लडानू व आसपास के गांवों में बैठकर ठगी कर रहे हैं। एसपी रजनेश सिंह ने निरीक्षक अवनीश पासवान के साथ एक टीम राजस्थान और दिल्ली रवाना की। राजस्थान में टीम ने करीब एक सप्ताह रहकर दो आरोपियों अजय सिंह और गजेंद्र स्वामी को हिरासत में ले लिया। फ्राड करने की बात स्वीकार करते हुए उन्होंने बताया कि वे स्थानीय मजदूरों के नाम पर लिए गए सिम कार्ड का बातचीत के लिए तथा उनके ही बैंक खातों का ट्रांजेक्शन के लिए उपयोग करते थे। उनके खाते में राशि आने पर वे उसका आहरण कर लेते थे। दूसरी ओर इनका एक और साथी मनोज स्वामी खाड़ी देश कतर की राजधानी दोहा में लेबर ठेकेदारी की आड़ में ऑनलाइन फ्रॉड करता है। वह वहां काम करने वाले मजदूरों को भारत में अपने परिजनों को भारतीय रुपये में रकम भेजने की जरूरत पड़ती है। मनोज स्वामी उन मजदूरों से रियाल मुद्रा की राशि ले लेता है। बदले में गजेन्द्र स्वामी और अजय सिंह ठगी से मिली रकम उनके भारत में रहने वाले परिजनों को कैश सौंप देते थे या फिर उनके एकाउंट में डाल देते थे।
पुलिस को जानकारी मिली कि प्रार्थी सुनील कुमार से मिले 15 लाख रुपये में से 5 लाख रुपये आरोपियों ने कैश निकलवाए। खाते में 1.27 लाख रुपये शेष थे, जिसे कोर्ट के आदेश पर प्रार्थी सुनील कुमार को वापस दिलाया गया है। शेष राशि आरोपियों ने मनोज स्वामी के बताए गए दोहा के मजदूरों के परिजनों के एकाउंट में ट्रांसफर कर दिए थे। पुलिस ने मनोज स्वामी के खिलाफ भी कानूनी कार्रवाई करने की बात कही है। कोर्ट के आदेश पर आरोपी गजेंद्र स्वामी व अजय सिंह को जेल भेज दिया गया है। सभी पर आईपीसी की धारा 420, 120 बी, 34 तथा आईटी एक्ट की धारा 43 तथा 66 सी और डी के तहत अपराध दर्ज किया गया है।