बिलासपुर। भारी मुनाफे के लालच में शिक्षा विभाग का एक कर्मचारी 80 लाख रुपये की ऑनलाइन ठगी का शिकार हो गया। साइबर सेल ने उसकी शिकायत पर एफआईआर दर्ज की है।
पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक बाजपेयी कैसल मंगला के वीरेंद्र कुमार देवांगन (63 वर्ष) शिक्षा विभाग से रिटायर्ड हैं। उनके पास एक अनजान नंबर से फोन आया जिसने खुद को लाइफ इंश्योरेंस कंपनी हैदराबाद का सीईओ बताया। फोन करने वाले ने बताया कि आपने जो रकम बीमा में लगाई है, उसे आपके एजेंट ने इक्विटी में डाल दिया है, जिससे आपको बड़ा नुकसान हो रहा है और फायदा एजेंट के खाते में जा रहा है। यदि एजेंट का नाम और कोड हटा देंगे और अपना नाम डाल लेंगे तो मुनाफा आपके खाते में आएगा। कोड हटाने के नाम पर फोन करने वाले ने पहले 22 हजार 700 रुपये एक खाते में ऑनलाइन जमा कराए। इसके बाद जीएसटी चार्ज, टीडीएस चार्ज, सर्विस चार्ज आदि के नाम पर उसने धीरे-धीरे 78 लाख 85 हजार रुपये जमा करा लिए। इसके बाद फोन करने वाले से संपर्क नहीं हुआ। उसका फोन बंद बताने लगा। ठगी का एहसास होने पर उसने साइबर थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई है। पुलिस ने अज्ञात ठग के खिलाफ आईपीसी की धारा 420, साइबर क्राइम की धारा 66 डी व 34 के तहत अपराध दर्ज किया है।
एक हजार की साड़ी खरीदी, खाते से एक लाख पार
ऑनलाइन शॉपिंग के दौरान एक महिला एक लाख रुपये की ठगी की शिकार हो गई। बसंत विहार कॉलोनी की शिवानी सिंह ने सरकंडा थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई है कि उन्होंने 5 जुलाई को इंस्टाग्राम के एक लिंक में जाकर 1060 रुपये की साड़ी मंगाई और बार कोड के जरिये भुगतान किया। थोड़ी देर उनके खाते से दो किश्तों में एक लाख रुपये कट गए। भुगतान झारखंड के धनबाद स्थित एक बैंक खाते के नाम गया है। पुलिस ने धोखाधड़ी का अपराध दर्ज किया है।