बिलासपुर। निजी स्कूलों की फीस पर निगरानी के लिये छत्तीसगढ़ विधानसभा में पारित छत्तीसगढ़ अशासकीय विद्यालय फीस विनियमन विधेयक पारित होने पर अभिभावकों ने खुशी जताई है और उम्मीद जाहिर की है कि अब निजी स्कूलों की मनमानी पर रोक लगेगी।

सर्व स्कुल अभिभावक एवं विद्यार्थी कल्याण संघ के अध्यक्ष मनीष अग्रवाल ने कहा कि उन्होंने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को बिलासपुर शहर में 8 जनवरी 2019 को प्रथम आगमन पर रेलवे स्टेशन में पत्र दिया था,  जिसमें निजी स्कूलों की मनमानी और निजी स्कूलों द्वारा 5 से 10 गुना फीस  बढ़ाये जाने की जानकारी दी गई थीl इसके बाद जन चौपाल में 3 मार्च 2019  को सर्व स्कुल अभिभावक एवं विद्यार्थी कल्याण संघ द्वारा फीस नियामक आयोग गठन करने अभीभावकों के हित में राहत देने की बात कही थीl  संगठन लगभग डेढ़ वर्ष से इस मुद्दे को शासन प्रशासन के सामने हमेशा लाता रहा है, जिसका परिणाम सामने आया है। इसके लिये मुख्यमंत्री को आभार पत्र भेजा गया है।

ज्ञात हो कि विधानसभा के मॉनसून सत्र में 28 अगस्त को यह विधेयक पारित किया गया है। इसमें निजी स्कूलों की फीस का निर्धारण करने के लिये अभिभावकों, जिला समिति और राज्य स्तरीय समिति गठित की जायेगी। स्कूल के अभिभावकों की समिति की अनुशंसा के अनुसार फीस का निर्धारण करना होगा, इससे संतुष्ट न होने पर प्रबंधन दोनों समितियों में अपील कर सकेगा, जिस पर तीन माह के भीतर फैसला होगा। प्रावधान का उल्लंघन करने पर पहली बार स्कूल पर 50 हजार रुपये का या अधिक फीस की दो गुना जुर्माना लिया जायेगा। प्रत्येक बार उल्लंघन पर एक लाख रुपये या निर्धारित फीस के अतिरिक्त वसूली गई रकम का चार गुना जुर्माना किया जायेगा। यदि किसी सत्र में फीस बढ़ाना है तो स्कूल प्रबंधन को इसके लिये कम से कम 6 माह पहले प्रस्ताव देना होगा।

उल्लेखनीय है कि कोरोना संक्रमण के कारण इस समय स्कूल बंद हैं। निजी स्कूलों द्वारा ऑनलाइन पढ़ाई के दौरान वसूल की जा रही ट्यूशन फीस को लेकर पालकों ने मनमानी की शिकायत की है।

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