बिलासपुर। नगर निगम के नये परिसीमन में विलोपित किये जा चुके अम्बेडकर नगर वार्ड के लोगों ने इसे यथावत रखने की मांग की है। वहीं देवरीखुर्द का पुराना नाम चंद्रशेखर आजाद नगर नहीं बदलने की मांग की गई है। नये बने रामकृष्ण वार्ड को आठ किलोमीटर लम्बा क्षेत्र बताते हुए इसके विभाजन की मांग भी की गई है।
नगर निगम परिसीमन के बाद बनाये गए 70 वार्डों का प्रकाशन करने के बाद प्रशासन ने दावा आपत्ति मंगाई है। लोग रोज अपनी आपत्ति और सुझाव लेकर टाउन हाल पहुंच रहे हैं। शुक्रवार को मगरपारा डॉ. भीमराव अम्बेडकर नगर के सुरेन्द्र रामटेके और उनके परिवार के लोगों ने कलेक्टर को ज्ञापन दिया कि अम्बेडकर नगर वार्ड का अस्तित्व बनाये रखा जाये। नए परिसीमन में इसका विलोपन कर दिया है। ज्ञापन में कहा गया है कि इस वार्ड में बौद्ध समाज के लोग 80-90 सालों से रहते आ रहे हैं। यहां करीब 1000 परिवार डॉ. भीमराव अम्बेडकर के अनुयायी हैं। स्कूल, सड़क , सामुदायिक भवन आदि इसी नाम से स्थापित है। विगत 40 सालों से अम्बेडकर नगर नगर निगम के अस्तित्व में है, यहां के निवासियों की इससे आस्था जुडी हुई है। आवेदन में कलेक्टर से आग्रह किया गया है कि इसे एक स्वतन्त्र वार्ड बनाकर रखा जाये और आवश्यकता अनुसार अन्य वार्डों और क्षेत्रों को जोड़ दिया जाये।
दूसरी ओर देवरीखुर्द के निवासी लक्षमण मानिकपुरी का कहना है कि देवरीखुर्द चंद्रशेखर आजाद नगर के नाम से जाना जाता है, बाहर से आने वाले लोग इसे इसी नाम से जानते हैं। यहां पर चंद्रशेखर आजाद की मूर्ति भी स्थापित है। अतः इस जगह का नाम ना बदल जाए। ज्ञात हो कि नये परिसीमन में देवरीखुर्द का नाम बदलकर शहीद अशफाक उल्ला खां वार्ड रख दिया गया है।
आठ किलोमीटर लम्बा वार्ड नहीं चाहिए
वार्ड नंबर 59 के पार्षद व मेयर इन कौंसिल के सदस्य श्याम साहू ने कहा है नये परिसीमन में गठित वार्ड नंबर 67 रामकृष्ण वार्ड और 68- विद्यासागर नगर वार्ड का क्षेत्रफल बहुत बड़ा कर दिया गया है। यह करीब आठ किलोमीटर में फैला हुआ है, जिससे न केवल यहां का प्रतिनिधित्व करने वाले पार्षद को बल्कि आम नागरिकों को भी अपनी समस्या हल करने में संकट का सामना करना पड़ेगा। वार्ड 67 को इंदिरा सेतु महामाया चौक से रतनपुर रोड के बाईं ओर तुरकाडीह पुल तक विस्तारित किया गया है। इसी तरह वार्ड 68 को महामाया चौक से ही शासकीय इंजीनियरिंग कॉलेज बिरकोना तक फैलाया गया है। साहू ने सुझाव दिया है कि कोनी की आबादी और भौगोलिक स्थिति को देखते हुए इसे अलग वार्ड बनाया जाये। इसी तरह अरपा पुल से रतनपुर रोड के दोनों ओर रामकृष्ण आश्रम तक एक वार्ड बनाया जाये।वार्ड नंबर 11 गायत्रीनगर के नागरिकों ने आपत्ति दर्ज करायी है कि पहले से ही इस वार्ड की जनसंख्या नौ हजार से अधिक है। अब महंतबाड़ा क्षेत्र को भी इसमें जोड़ दिया गया है। रायपुर बिलासपुर रोड में डिवाइडर होने के कारण वन वे है। लोगों को आवागमन में असुविधा होती है। इसलिये परिसीमन के बाद क्षेत्र के नागरिकों को वे सहजता से उपलब्ध नहीं हो पायेंगे। फ्लाईओवर बनने के बाद आवाजाही पूरी तरह बंद हो जायेगा। वार्ड परिसीमन के समय इसका ध्यान नहीं रखा। पार्षद संजय गुप्ता ने मांग की है वार्ड की जनसंख्या और भौगोलिक स्थिति को देखते हुए इसे पूर्ववत रखा जाये।
नेहरू नगर के सत्यनारायण ने नर्मदानगर से मुंगेली रोड की ओर जाने वाली बाइपास रोड को भी वार्ड क्रमांक 17 में जोड़ने की मांग की है।