गृह मंत्री ने बताया बोर्डिंग सेंटर का प्लान, TMC सांसद महुआ मोइत्रा का आरोप, यह “राज्य प्रायोजित आतंकवाद”
रायपुर। छत्तीसगढ़ में बांग्लादेशी नागरिकों की पहचान, गिरफ्तारी और डिपोर्टेशन का मामला गरमा गया है। मंगलवार को एक तरफ जहां रायपुर एयरपोर्ट से 30 बांग्लादेशी नागरिकों को डिपोर्ट करने की कार्रवाई हुई, वहीं यह मुद्दा विधानसभा में गूंजा और अब पश्चिम बंगाल तक भी जा पहुंचा है। वहां की सांसद महुआ मोइत्रा ने इसे “राज्य प्रायोजित आतंकवाद” और “अपहरण” की संज्ञा दी है। इधर कांग्रेस विधायक उमेश पटेल ने छत्तीसगढ़ में मौजूद पाकिस्तानी नागरिकों पर भी कार्रवाई की मांग की है।
30 बांग्लादेशी नागरिकों को भेजा गया वापस
प्रदेश के कोंडागांव, दुर्ग, कवर्धा, मोहला-मानपुर, रायपुर और राजनांदगांव जिलों से पकड़े गए 30 बांग्लादेशी नागरिकों को मंगलवार को रायपुर से फ्लाइट के ज़रिए गुवाहाटी भेजा गया। इनमें 20 पुरुष और 10 महिलाएं शामिल हैं। बीएसएफ के ज़रिए इन्हें बांग्लादेश की सीमा पर भेजा जा रहा है। जिन बांग्लादेशियों के खिलाफ आपराधिक मामले लंबित हैं, उन्हें अभी वापस नहीं भेजा जाएगा। ऐसे मामलों में कोर्ट की प्रक्रिया पूरी होने के बाद ही प्रत्यर्पण होगा।
विधानसभा में उठा मुद्दा, डिटेंशन नहीं बोर्डिंग सेंटर बनेगा
विधानसभा में भाजपा विधायकों अजय चंद्राकर, धरमजीत सिंह और भावना वोरा ने इस मुद्दे पर ध्यानाकर्षण सूचना के तहत सवाल उठाए। चंद्राकर ने डिटेंशन सेंटर की मांग की, जबकि धरमजीत सिंह ने रोहिंग्या मुसलमानों पर कार्रवाई की मांग रखी। भावना वोरा ने दस्तावेज़ों की गहन जांच की आवश्यकता जताई।
गृह मंत्री विजय शर्मा ने जवाब में कहा कि राज्य में डिटेंशन सेंटर नहीं, बल्कि 100 बिस्तरों का बोर्डिंग सेंटर रायपुर में बनाया जाएगा। अवैध विदेशी नागरिकों को जेल में नहीं, बल्कि इसी सेंटर में रखा जाएगा। उन्होंने बताया कि जांच के लिए हर जिले में टास्क फोर्स बनाई गई है और एक टोल फ्री नंबर जारी किया गया है जिस पर आम जनता शिकायत दर्ज करा सकती है।
कांग्रेस विधायक पटेल ने उठाया पाकिस्तानी घुसपैठियों का मुद्दा
विधानसभा में कांग्रेस विधायक और पूर्व मंत्री उमेश पटेल ने भी इस मुद्दे पर सरकार का समर्थन किया, लेकिन साथ ही राज्य में रह रहे पाकिस्तानी नागरिकों पर भी समान रूप से जांच और कार्रवाई की मांग की। इस पर गृह मंत्री विजय शर्मा ने जवाब दिया कि राज्य में एक पाकिस्तानी नागरिक की जानकारी मिली है, उस पर भी कार्रवाई की जाएगी, लेकिन पाकिस्तान के अल्पसंख्यक नागरिकों को नागरिकता देने की प्रक्रिया अलग है और वह केंद्र सरकार के दिशा-निर्देशों के अनुसार होगी।
महुआ मोइत्रा का हमला: बंगाल के मजदूरों को अवैध बताकर कैद किया
पश्चिम बंगाल की सांसद महुआ मोइत्रा ने कोंडागांव में हिरासत में लिए गए आठ श्रमिकों के मुद्दे को उठाया। उन्होंने आरोप लगाया कि ये सभी नादिया जिले के निवासी हैं, जो एक वैध कांट्रैक्टर के माध्यम से छत्तीसगढ़ में मजदूरी करने आए थे। उनके पास सभी वैध दस्तावेज थे, फिर भी छत्तीसगढ़ पुलिस ने इन्हें बिना सूचना के तीन दिन तक हिरासत में रखा।
महुआ ने इसे “State-sponsored terrorism” और “kidnapping by the government” कहा। हालांकि कोंडागांव एसपी अक्षय कुमार ने सफाई दी कि ये श्रमिक तीन महीने से बिना स्थानीय पुलिस को जानकारी दिए रह रहे थे, दस्तावेज मांगने पर बदसलूकी की, इस कारण भारतीय न्याय संहिता की धारा 128 के तहत अस्थायी हिरासत में लिया गया था। अब सभी को रिहा कर दिया गया है।
गृह मंत्री की अपील, अवैध नागरिकों की जानकारी टोल फ्री नंबर पर दें
गृह मंत्री विजय शर्मा ने सदन में आम जनता से अपील की कि वे अपने मोहल्ले या क्षेत्र में यदि किसी भी संदिग्ध विदेशी नागरिक के बारे में जानकारी रखते हैं तो टोल फ्री नंबर पर सूचित करें। संजय नगर, टिकरापारा जैसे क्षेत्रों में भी अवैध नागरिकों के रहने की शिकायत पर तत्काल जांच के निर्देश दिए गए हैं।