बिलासपुर। गुरु घासीदास केंद्रीय विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर आलोक कुमार चक्रवाल नई दिल्ली स्थित राष्ट्रपति भवन में आयोजित विजिटर्स कॉन्फ्रेंस में शामिल हुए। इस दो दिवसीय सम्मेलन का उद्घाटन राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने अपने भाषण से किया। राष्ट्रपति 184 केंद्रीय उच्च शिक्षा संस्थानों की विजिटर हैं। उन्होंने इस अवसर पर शिक्षा, अनुसंधान और नवाचार के महत्व पर जोर दिया।

शिक्षा और शोध पर राष्ट्रपति का विशेष जोर
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने अपने संबोधन में कहा कि किसी भी देश की प्रगति उसकी शिक्षा प्रणाली की गुणवत्ता से मापी जाती है। उन्होंने उच्च शिक्षा संस्थानों के प्रमुखों से भारत को ज्ञान-आधारित अर्थव्यवस्था के एक महत्वपूर्ण केंद्र के रूप में स्थापित करने की अपील की। उन्होंने राष्ट्रीय अनुसंधान कोष की स्थापना का उल्लेख करते हुए कहा कि इसका उद्देश्य शोध को प्रोत्साहित करना है, जिससे उच्च शिक्षा संस्थानों को इसका सार्थक उपयोग करना चाहिए।

राष्ट्रपति ने कहा कि भारत के कई उच्च शिक्षण संस्थानों की वैश्विक पहचान है और इनके छात्र दुनिया के शीर्ष संस्थानों और कंपनियों में महत्वपूर्ण पदों पर कार्य कर रहे हैं। उन्होंने उच्च शिक्षण संस्थानों से तेजी से प्रगति करने और युवा प्रतिभाओं को निखारने पर ध्यान देने की आवश्यकता बताई। इस अवसर पर राष्ट्रपति ने नवाचार, अनुसंधान और प्रौद्योगिकी विकास श्रेणियों में आठवें विजिटर्स पुरस्कार भी प्रदान किए।

गुरु घासीदास विश्वविद्यालय की उपलब्धियों पर गर्व
कुलपति प्रो. आलोक कुमार चक्रवाल ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि गुरु घासीदास विश्वविद्यालय अकादमिक उत्कृष्टता, शोध, नवाचार और पेटेंट के क्षेत्र में लगातार सकारात्मक प्रयास कर रहा है। इन्हीं प्रयासों का परिणाम है कि विश्वविद्यालय को राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद (NAAC) द्वारा A++ ग्रेड प्रदान किया गया है।

राष्ट्रपति मुर्मू ने विश्वविद्यालय की उपलब्धियों पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए शोध और अनुसंधान के क्षेत्र में इसकी प्रगति की सराहना की। कुलपति प्रो. चक्रवाल ने विश्वविद्यालय को निरंतर मार्गदर्शन देने के लिए राष्ट्रपति का आभार व्यक्त किया।

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