बिलासपुर। छोटी श्रेणी की विभागीय सजा मिलने के बाद शासकीय कर्मचारी की पदोन्नति को रोका नहीं जा सकता। हाईकोर्ट ने एक पुलिस निरीक्षक को पदोन्नत होने के बाद ज्वाइनिंग नहीं दिए जाने के मामले में यह निर्णय दिया है।
सब इंस्पेक्टर मुकेश पटेल के खिलाफ सन् 2019 में नगरी थाने में पदस्थ रहने के दौरान शिकायतें मिली थी। इसकी जांच रायपुर आईजी ने कराई। जांच के बाद उनको लघु दंड देते हुए मई 2021 में एक साल की वेतनवृद्धि असंजयी प्रभाव से रोकी गई थी। 23 अगस्त 2021 को उन्हें सब-इंस्पेक्टर से पदोन्नत कर इंस्पेक्टर बनाया गया लेकिन विभागीय सजा को आधार बनाकर उन्हें ज्वाइनिंग नहीं दी गई। इसके खिलाफ अपने अधिवक्ता के जरिये पटेल ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की। कोर्ट ने कहा कि लघु दंड के कारण किसी शासकीय कर्मचारी को पदोन्नति से वंचित नहीं किया जा सकता है। डीजीपी को कोर्ट ने आदेश दिया है कि याचिकाकर्ता के पदोन्नति संबंधी अभ्यावेदन का 45 दिन के भीतर निराकरण किया जाए।