रायपुर। छत्तीसगढ़ में रेल सुविधाओं के विस्तार और आधारभूत ढांचे को मजबूत करने के लिए केंद्र सरकार ने बीते कुछ वर्षों में कई बड़े कदम उठाए हैं। वर्ष 2025-26 के केंद्रीय बजट में राज्य को रेल क्षेत्र में 6925 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है। फिलहाल राज्य में लगभग 47 हजार करोड़ रुपये की लागत से विभिन्न रेल परियोजनाएं निर्माणाधीन हैं, जिनसे यात्री सुविधाओं के साथ-साथ व्यापार, उद्योग और रोजगार को भी बढ़ावा मिलेगा।
राज्य में रेल नेटवर्क का विस्तार
1853 से 2014 तक 161 साल में राज्य में कुल 1100 रूट किलोमीटर रेल लाइन बिछाई गई थी। अब 2014 से 2030 के बीच इसे दोगुना कर 2200 रूट किलोमीटर तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है।
राज्य को हाल ही में दो नई वंदे भारत ट्रेनें – रायपुर-विशाखापट्टनम और रायपुर-नागपुर – की सौगात मिली है। वहीं, रायपुर मेट्रो ट्रेन के लिए भी सर्वे कराया जा रहा है।
अमृत भारत स्टेशन योजना के तहत 32 स्टेशन होंगे आधुनिक
अमृत भारत स्टेशन योजना के तहत छत्तीसगढ़ के 32 रेलवे स्टेशनों का पुनर्विकास किया जा रहा है। इनमें रायपुर, दुर्ग और बिलासपुर प्रमुख स्टेशन हैं, जहां क्रमशः 463 करोड़, 456 करोड़ और 435 करोड़ रुपये की लागत से कार्य हो रहा है।
प्रधानमंत्री द्वारा हाल ही में अंबिकापुर, उरकुरा, भिलाई, भानुप्रतापपुर और डोंगरगढ़ स्टेशनों का लोकार्पण किया गया है।
कुछ प्रमुख निर्माणाधीन रेल परियोजनाएं
परियोजना | लंबाई | लागत (करोड़ ₹) |
राजनांदगांव-नागपुर तीसरी लाइन (छग में 48 किमी) | 228 किमी | 3544 |
बिलासपुर-झारसुगुड़ा चौथी लाइन (छग में 153 किमी) | 206 किमी | 2135 |
खरसिया-धरमजयगढ़ नई रेललाइन | 162.5 किमी | 3438 |
गौरेला-पेंड्रा रोड-गेवरा रोड | 156.81 किमी | 4970 |
केन्द्री-धमतरी व अभनपुर-राजिम आमान परिवर्तन | 67.2 किमी | 544 |
बोरिडांड-अंबिकापुर दोहरीकरण | 80 किमी | 776 |
चिरमिरी-नागपुर न्यू हॉल्ट लाइन | 17 किमी | 622 |
बस्तर अंचल में विकास की उम्मीद
बस्तर क्षेत्र के लिए रावघाट-जगदलपुर 140 किमी नई रेललाइन को केंद्र सरकार ने मंजूरी दी है, जिसकी अनुमानित लागत 3513 करोड़ रुपये है। यह परियोजना पर्यटन, व्यापार और यात्रा को बढ़ावा देने के साथ-साथ नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में विकास के प्रयासों को भी मजबूती देगी।
बस्तर क्षेत्र की केके रेललाइन (कोत्तवालसा से किरंदुल) के दोहरीकरण का कार्य तेजी से चल रहा है। 170 किमी के छत्तीसगढ़ हिस्से में से अब तक 148 किमी का काम पूरा हो चुका है।
अब सुकमा, दंतेवाड़ा, बीजापुर भी जुड़ेंगे रेल नेटवर्क से
कोठागुडेम (तेलंगाना) से किरंदुल तक 160.33 किमी प्रस्तावित रेल लाइन के लिए फाइनल लोकेशन सर्वे का काम अंतिम चरण में है। इसका 138.51 किमी हिस्सा छत्तीसगढ़ से होकर गुजरेगा, जिससे सुकमा, दंतेवाड़ा और बीजापुर जैसे अब तक रेल सुविधा से वंचित क्षेत्रों को जोड़ने की तैयारी है।
इन रेल परियोजनाओं का सर्वे अंतिम चरण में
- अंबिकापुर-बरवाडीह (200 किमी, लागत ₹9718 करोड़)
- खरसिया-नया रायपुर-परमलकसा (278 किमी, ₹7854 करोड़)
- धरमजयगढ़-लोहरदगा (301 किमी, ₹16,834 करोड़)
इन सभी परियोजनाओं के लिए डीपीआर तैयार किया जा रहा है।
छत्तीसगढ़ रेलवे कॉरपोरेशन की पहल
राज्य सरकार ने कटघोरा-डोंगरगढ़ रेल लाइन के लिए 300 करोड़ रुपये का बजट प्रावधान किया है। इससे मालगाड़ियों के ट्रैफिक में कमी आएगी और नागपुर-झारसुगुड़ा मार्ग पर दबाव घटेगा।
डोंगरगढ़-कबीरधाम-मुंगेली-कटघोरा रेलमार्ग के लिए छत्तीसगढ़ खनिज विकास निधि से 300 करोड़ रुपये की स्वीकृति भी दी गई है।