निलंबन के बाद धरने पर बैठी कांग्रेस, कार्यवाही कल तक के लिए स्थगित

रायपुर। विधानसभा का मानसून सत्र शुरू होते ही पहले ही दिन प्रदेश में किसानों को खाद-बीज की किल्लत को लेकर जमकर हंगामा हुआ। नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत ने शून्यकाल में यह मुद्दा उठाया और कहा कि राज्यभर में किसान खाद के लिए परेशान हैं, इस पर तुरंत चर्चा होनी चाहिए। उन्होंने इसके लिए स्थगन प्रस्ताव लाने की बात कही।

डॉ. महंत के इस प्रस्ताव को पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और पूर्व मंत्री उमेश पटेल ने भी समर्थन दिया। भूपेश बघेल ने आरोप लगाया कि किसान मजबूरी में बाजार से दोगुने दाम में खाद खरीदने को मजबूर हैं। उमेश पटेल ने कहा कि डीएपी खाद की भारी कमी चिंता की बात है।

वहीं, कृषि मंत्री रामविचार नेताम ने सदन में जवाब दिया। विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने मंत्री के जवाब को पर्याप्त मानते हुए विपक्ष का स्थगन प्रस्ताव नामंजूर कर दिया। इसके बाद नाराज कांग्रेस विधायकों ने नारेबाजी शुरू कर दी और गर्भगृह तक पहुंच गए। इस पर सदन की कार्यवाही 5 मिनट के लिए स्थगित करनी पड़ी।

कार्यवाही दोबारा शुरू हुई तो गर्भगृह में हंगामा करने पर विधानसभा अध्यक्ष ने कई कांग्रेस विधायकों को दिनभर के लिए निलंबित कर दिया। इसके विरोध में कांग्रेस विधायक विधानसभा परिसर में गांधी प्रतिमा के सामने धरने पर बैठ गए और सरकार को किसान विरोधी बताया।

कुछ देर बाद अध्यक्ष ने निलंबन वापस ले लिया, लेकिन नारेबाजी थमी नहीं। आखिरकार हंगामे के बीच विधानसभा की कार्यवाही मंगलवार, 15 जुलाई सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई।

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