रायपुर। नर्सों के साथ झगड़े के कारण संविदा महिला चिकित्सक ने उन्हें प्रसव के दौरान मदद के लिए नहीं बुलाया, इसके चलते प्रसव के दौरान एक शिशु की जान चली गई। वहीं दूसरे  की जान सर्जरी में देर करने के कारण हो गई। घटना के लिए जिम्मेदार दोनों डॉक्टरों पर स्वास्थ्य मंत्री के निर्देश पर कड़ी कार्रवाई की गई है।

रायपुर के उरला स्वास्थ्य केंद्र में एक ही दिन में दो नवजात शिशुओं की मौत के मामले में दो डॉक्टरों को अपनी ड्यूटी में लापरवाही बरतने का दोषी पाया गया है। स्वास्थ्य विभाग ने आदेश जारी करते हुए  प्रभारी चिकित्सा अधिकारी  डॉ. सुनील साहू को सेवा से निलंबित कर दिया गया है तथा संविदा चिकित्सा अधिकारी  डॉ. पूनम सरकार को बर्खास्त कर दिया है।

बताया जा रहा है कि रायपुर के उरला प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में एक बच्चे की मौत डॉक्टर-नर्स के बीच आपसी झगड़े की वजह से हुई। उरला की सोनी साहू को डिलीवरी के लिए भर्ती कराया था। शाम के समय अचानक उसको तेज दर्द उठा, जिसके बाद स्वास्थ्य केंद्र की डॉक्टर पूनम सरकार जांच के लिए पहुंची। बच्चे का सिर बाहर आ गया था, लेकिन डॉक्टर ने नर्सिंग स्टॉफ के साथ आपसी झगड़े की वजह से उन्हें नहीं बुलाया। इस दौरान वहां मौजूद नर्स ने भी मदद नहीं की। बच्चा करीब 2 घंटे तक अंदर फंसा रहा। दम घुटने से उसकी मौत हो गई।

इसके कुछ घंटे पहले एक और नवजात के प्रसव के लिए सर्जरी की जानी थी लेकिन प्रभारी चिकित्सा अधिकारी डॉ. साहू ने लापरवाही बरती। घटना की जांच के लिए सीएमएचओ डॉ. मिथिलेश चौधरी ने इन आरोपों की एक कमेटी से जांच कराई और तुरंत रिपोर्ट मांगी। इसके बाद यह कार्रवाई की गई है।

प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने कहा है कि स्वास्थ्य व्यवस्था में किसी भी प्रकार की लापरवाही को सहन नहीं किया जाएगा और ऐसे मामलों में दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।

 

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