बिलासपुर। रतनपुर स्थित ऐतिहासिक महामाया मंदिर का स्वरूप जल्द ही बदलने वाला है। आवास और शहरी मामलों के राज्य मंत्री तोखन साहू ने इस धार्मिक स्थल के विकास के लिए एक व्यापक योजना की घोषणा की है।
अयोध्या, काशी और महाकाल के तर्ज पर महामाया मंदिर का भी पुनरुद्धार किया जाएगा। साहू ने इस परियोजना को साकार करने के लिए 13 सितंबर को दिल्ली में राष्ट्रीय भवन निर्माण निगम (एनबीसीसी) के अधिकारियों के साथ बैठक की, जिसमें कॉरिडोर की विकास योजना पर चर्चा की गई।
बैठक में एनबीसीसी के सीएमडी के.पी. महादेवस्वामी और सीजीएम आर.एन. शिना भी उपस्थित थे। अधिकारियों ने मंत्री को मंदिर के कायाकल्प की विस्तृत योजना से अवगत कराया।
तोखन साहू ने पहले ही इस परियोजना के लिए केंद्रीय पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत से मुलाकात की थी और रतनपुर के महामाया मंदिर को देशभर के प्रमुख आध्यात्मिक स्थलों की सूची में शामिल करने की अपील की थी। उन्होंने कहा, “हमारा उद्देश्य इस मंदिर के समृद्ध इतिहास और सांस्कृतिक महत्व को बनाए रखते हुए इसे एक प्रमुख धार्मिक स्थल के रूप में विकसित करना है।”
विकास योजना की मुख्य विशेषताएँ:
- मंदिर परिसर में ज्योति कक्ष, भागवत मंच, प्रार्थना स्थल, संग्रहालय और कार्यालयों का निर्माण।
- आगंतुकों के लिए होटल, दुकानें, और पार्किंग की बेहतर सुविधाएँ।
- भव्य अवसंरचना विकास, जो मंदिर की गरिमा को और ऊंचा करेगा।
मंत्री का कहना है कि इस परियोजना से राज्य में धार्मिक पर्यटन को नया आयाम मिलेगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सरकार देश के प्रमुख धार्मिक स्थलों के विकास के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। यह कदम न केवल छत्तीसगढ़ में पर्यटन को प्रोत्साहित करेगा, बल्कि भारत की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर को भी संरक्षित करने की दिशा में एक अहम कदम होगा।