बिलासपुर। डायल 112 में तैनात रतनपुर के आरक्षक बसंत दास मानिकपुरी को पुलिस महानिदेशक अशोक जुनेजा (भा.पु.से.) ने उनकी बहादुरी और कर्तव्यनिष्ठा के लिए पुलिस मुख्यालय में सम्मानित किया। उन्हें नगद पुरस्कार और प्रशस्ति पत्र से नवाजा गया। इस सम्मान समारोह में अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक प्रदीप गुप्ता और पुलिस अधीक्षक (डायल 112) अविनाश ठाकुर भी मौजूद थे।
जान की नहीं की परवाह
आरक्षक बसंत दास मानिकपुरी ने 24 जुलाई 2024 को बिलासपुर जिले के रतनपुर क्षेत्र में हो रही भारी बारिश के दौरान अपनी जान की परवाह किए बिना एक परिवार को बचाया। रतनपुर के लिम्हा गांव में एक घर में पानी भर गया था, जहां एक महीने का बच्चा, सात महिलाएं और बुजुर्ग फंसे हुए थे। सूचना मिलते ही बसंत दास मानिकपुरी ने टीम के साथ 18 मिनट के भीतर मौके पर पहुंचकर नन्हे बच्चे समेत सभी को सुरक्षित बाहर निकाला। उनकी सूझबूझ और साहस के कारण परिवार और ग्रामीणों ने उनका आभार व्यक्त किया।
बहादुरी का उदाहरण
आरक्षक जयप्रकाश एक्का ने 24 जुलाई 2024 की सुबह रायगढ़ जिले के धरमजयगढ़ में करंट से झुलसे एक युवक को बचाया। ईआरवी टीम ने कठिन परिस्थितियों के बावजूद घायल को डेढ़ किलोमीटर पैदल चलकर डायल 112 वाहन तक पहुंचाया और समय रहते उसे अस्पताल में भर्ती कराया। युवक के परिवार ने उनकी सेवाभावना की सराहना की।
इन दोनों आरक्षकों की कर्तव्यपरायणता और मानव सेवा को सम्मानित करते हुए, डीजीपी अशोक जुनेजा ने उन्हें पुरस्कार प्रदान किए। उनके इस साहसिक कार्य ने डायल 112 की सेवाओं की महत्ता को और अधिक बढ़ा दिया है।