राज्यपाल ने किया 6 राज्यों के कुलपतियों के दो दिवसीय समागम का उद्घाटन
बिलासपुर । राज्यपाल विश्वभूषण हरिचंदन ने केन्द्रीय गुरु घासीदास विश्वविद्यालय में भारतीय विश्वविद्यालय संघ मध्य क्षेत्र द्वारा आयोजित कुलपतियों के दो दिवसीय समागम का गुरुवार को उद्घाटन किया। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय सच्चे इंसान गढ़ने के प्रमुख केन्द्र हैं। नये-नये अनुसंधान एवं नवाचारों के माध्यम से नये ज्ञान का सृजन करना इनका महत्वपूर्ण काम है। विश्वविद्यालय के स्वयं के अस्तित्व के साथ-साथ देश दुनिया की निरंतरता के लिए भी नित नये अनुसंधान किया जाना अनिवार्य माना गया है।
राज्यपाल ने इस अवसर पर भारतीय विश्वविद्यालय संघ द्वारा प्रकाशित पत्रिका यूनिवर्सिटीस न्यूज के विशेषांक का विमोचन भी किया। उद्घाटन समारोह की अध्यक्षता संघ के अध्यक्ष जीडी शर्मा ने की। विशेष अतिथि के रूप में शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास नई दिल्ली के सचिव अतुल कोठारी उपस्थित थे। इस दो दिवसीय सम्मेलन में छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश, उप्र, महाराष्ट्र, ओडिशा व तेलंगाना राज्यों के विश्वविद्यालयों के कुलपति एवं शिक्षाविद् बड़ी संख्या में शामिल हो रहे हैं।
राज्यपाल हरिचंदन ने कहा कि मुझे उम्मीद है कि इस बैठक से कुछ ठोस सिफारिशें सामने आएंगीं जो सरकार और उच्च शिक्षा के शीर्ष निकायों और हमारे देश के भविष्य युवाओं और छात्रों के लिए मददगार साबित होंगी। भारत में उच्च शिक्षा के प्रमुख संस्थानों ने अनुसंधान के मामले में अच्छा प्रदर्शन किया है, लेकिन इसमें और किए जाने की संभावना है। भारतीय विश्वविद्यालयों की प्रतिष्ठा अन्य देशों के विश्वस्तरीय विश्वविद्यालयों के सामने कहीं नहीं टिकती। विश्व रैंकिंग में केवल 75 भारतीय विश्वविद्यालय शामिल हैं, लेकिन उनमें से कोई भी शीर्ष 200 रैंक तक नहीं पहुंच सका। इनमें सुधार के लिए एक अच्छी तरह से अनुसंधान पारिस्थितिकी तंत्र की आवश्यकता है।
राज्यपाल ने कहा कि देश में नवाचार और स्टार्टअप को बढ़ावा देने के लिए एक मजबूत इको-सिस्टम बनाने के लिए भारत सरकार ने एक ‘स्टार्टअप इंडिया एक्शन प्लान‘ लॉन्च किया है जो मान्यता प्राप्त स्टार्टअप को हैंड होल्डिंग फंडिंग और इनक्यूबेशन के माध्यम से सहायता प्रदान करता है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 रिपोर्ट में भी अनुसंधान और नवाचार पर पर्याप्त जोर दिया गया है। अनुसंधान पारिस्थितिकी तंत्र को जीवित रखने के लिए, प्रत्येक खिलाड़ी और हितधारक को एक भूमिका निभानी होगी। विश्वविद्यालय अनुसंधान को प्राथमिकता देकर उत्पादकता में सुधार के लिए कुछ उपाय अपना सकते हैं। विश्वविद्यालयों को उद्योगों, सरकार और अन्य हितधारकों के साथ संबंध मजबूत करने चाहिए।
समारोह को भारतीय विश्वविद्यालय संघ के अध्यक्ष प्रो. जीडी शर्मा, उपाध्यक्ष विनयकुमार पाठक, शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास नई दिल्ली के सचिव अतुल कोठारी ने भी सम्बोधित किया। स्वागत भाषण केन्द्रीय गुरु घासीदास विश्वविद्यालय के कुलपति आलोक कुमार चक्रवाल एवं आभार ज्ञापन कुलसचिव मनीष श्रीवास्तव ने किया।