बिलासपुर। सरकंडा इलाके में एक नाबालिग ने आधी रात को घर से निकलकर एक सूनसान जगह पर जाकर फांसी लगा ली। उसे नशे की लत के कारण चाइल्ड लाइन ने सुधार गृह भेजा था। हाल ही में उसे घर लाकर छोड़ा गया था।

पुलिस के मुताबिक दूध बेचने का काम करने वाले सियाराम यादव के बेटे शुभम् को नशीली दवाओं की लत लग गई थी। उसने घर आना छोड़ दिया था और कबाड़ बीनकर मिले पैसों से नशे का सामान खरीदता था। वह बोनफिक्स आदि नशीली दवा का आदी हो गया था। चाइल्ड लाइन की ओर से ऐसे बच्चों को ढूंढकर सुधार गृह भेजा जाता है। वहां उनकी काउंसलिंग कराई जाती है ताकि नशे से मुक्त हो सके। शुभम् को काउन्सलिंग के बाद परिवार का पता मिल जाने के बाद कुछ दिन पहले ही घर भेजा गया था। पुलिस के अनुसार काउंसलिंग के बाद भी शुभम् घर पर से गायब हो जाता था, संभवतः उससे नशे की आदत छूट नहीं रही थी। शनिवार की रात से वह बाहर था, रविवार को उसका शव पास के एक लकड़ी टाल में फंदे पर लटका मिला।

कबाड़ व पन्नी बीनकर नशे का सामान खरीदने वाले चार बच्चों की बीते 6 माह के भीतर शहर में मौत हो चुकी है। इनमें से सभी को पुलिस जांच में आत्महत्या पाया गया है।

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