नई दिल्ली। केंद्रीय आवासन एवं शहरी कार्य राज्य मंत्री तोखन साहू ने बुधवार को नई दिल्ली में स्वच्छ भारत मिशन-शहरी 2.0 (एसबीएम-यू 2.0) की प्रगति की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की। इस बैठक में संयुक्त सचिव (एसबीएम) रूपा मिश्रा सहित वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।

बैठक में बताया गया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में मिशन को नई गति मिली है और अब तक 35 राज्य और केंद्र शासित प्रदेश ओडीएफ (खुले में शौच मुक्त) का दर्जा हासिल कर चुके हैं। देशभर के 4,371 शहर ओडीएफ घोषित किए जा चुके हैं, जिनमें से 3,309 शहर ओडीएफ+ और 960 शहर ओडीएफ++ की श्रेणी में पहुंच गए हैं। इसके अलावा 9 शहरों ने वाटर+ प्रमाणन भी हासिल किया है।

अधिकारियों ने जानकारी दी कि मिशन के अंतर्गत अब तक 66.86 लाख व्यक्तिगत घरेलू शौचालय स्वीकृत किए गए हैं, जो निर्धारित लक्ष्य का 113% है। शहरी कचरे का 70% अब प्रोसेस किया जा रहा है। साथ ही “लक्ष्य ज़ीरो डंपसाइट” पहल, मैनुअल सफाई की जगह मशीनों का इस्तेमाल और वेस्ट-टू-कम्पोस्ट प्रोजेक्ट्स जैसी योजनाओं पर तेज़ी से काम हो रहा है।

बैठक में यह भी बताया गया कि 48,300 टीपीडी क्षमता के वेस्ट-टू-कम्पोस्ट प्रोजेक्ट्स को स्वीकृति मिल चुकी है, जबकि वेस्ट-टू-इलेक्ट्रिसिटी प्रोजेक्ट्स 18,900 टीपीडी क्षमता पर कार्यरत हैं। निर्माण एवं ध्वस्तीकरण (सीएंडडी) कचरे के प्रबंधन में भी 17,607 टीपीडी क्षमता विकसित की गई है। स्टार्ट-अप्स को भी नवाचार के लिए प्रोत्साहन दिया जा रहा है ताकि शहरों को और स्वच्छ बनाया जा सके।

सफाई मित्रों की सुरक्षा और गरिमा सुनिश्चित करने पर विशेष जोर दिया गया है। इसके लिए हेल्पलाइन, स्वास्थ्य जांच, सुरक्षा उपकरण और मशीनीकरण जैसी सुविधाएं दी जा रही हैं। मंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि अस्पताल, बाजार और धार्मिक स्थलों पर बने शौचालयों में सेंसर तकनीक का उपयोग कर स्वच्छता मानकों पर लगातार निगरानी रखी जाए।

बैठक के अंत में साहू ने कहा कि एसबीएम-यू 2.0 की उपलब्धियां मोदी सरकार की प्रतिबद्धता और जनभागीदारी का परिणाम हैं। उन्होंने विश्वास जताया कि नागरिकों के साथ मिलकर आने वाले समय में देश के शहर स्वच्छ और कचरा मुक्त बनाए जा सकेंगे।

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