बिलासपुर। एसईसीएल ने अपनी सीएसआर पहल ‘एसईसीएल की धड़कन’ के तहत बिलासपुर जिले के मस्तूरी और कोटा में जन्मजात हृदय रोग (सीएचडी) से पीड़ित बच्चों की निशुल्क जांच के लिए दो शिविरों का आयोजन किया। यह शिविर श्री सत्य साईं संजीवनी अस्पताल, रायपुर के सहयोग से 3 और 5 मार्च 2025 को आयोजित किए गए।
शिविरों में हुई 75 बच्चों की जांच
- मस्तूरी (3 मार्च) – 41 बच्चों की जांच हुई, जिनमें से 13 बच्चे जन्मजात हृदय रोग से ग्रसित पाए गए।
- कोटा (5 मार्च) – 34 बच्चों की जांच हुई, जिनमें से 17 बच्चे जन्मजात हृदय रोग से पीड़ित पाए गए।
30 बच्चों को मिलेगा निःशुल्क ऑपरेशन का लाभ
चिन्हित बच्चों का एसईसीएल द्वारा श्री सत्य साईं संजीवनी अस्पताल, रायपुर में निःशुल्क इलाज और सर्जरी कराई जाएगी। यह पहल उन बच्चों और परिवारों के लिए वरदान साबित होगी, जो महंगे इलाज का खर्च वहन करने में असमर्थ हैं।
‘एसईसीएल की धड़कन’ पहल
यह कार्यक्रम कोल इंडिया के ‘नन्हा सा दिल’ प्रोजेक्ट के तहत संचालित किया जा रहा है। एसईसीएल अपने संचालन क्षेत्रों में बच्चों की हृदय संबंधी समस्याओं की स्क्रीनिंग, इलाज और देखभाल सुनिश्चित कर रहा है।
अब तक 75 सफल सर्जरी, 300 बच्चों के इलाज के लिए ₹4.71 करोड़ मंजूर
अब तक 75 बच्चों की सफल सर्जरी कराई जा चुकी है। इस पहल को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश के कोयला क्षेत्रों में सीएचडी से पीड़ित 300 बच्चों के इलाज एवं सर्जरी के लिए ₹4.71 करोड़ की मंजूरी दी गई है।
समुदाय के प्रति एसईसीएल की प्रतिबद्धता
‘एसईसीएल की धड़कन’ पूरी तरह से एसईसीएल की सीएसआर योजना के तहत वित्त पोषित है। इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि कोई भी जरूरतमंद बच्चा आर्थिक तंगी के कारण जीवन रक्षक इलाज से वंचित न रहे।
आने वाले समय में, एसईसीएल इस कार्यक्रम को अन्य जिलों में भी विस्तारित करने की योजना बना रहा है, जहां सीएचडी के अधिक मामले सामने आ रहे हैं।