बिलासपुर। मरवाही सदन में पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी के अंतिम दर्शन के लिए पहुंची भीड़ ने कोरोना से बचाव के लिये तय किये गये सामाजिक दूरी के अनुशासन को ध्वस्त कर डाला। कतार में लगकर श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए गोल घेरे बनाये गये थे जिसकी किसी ने परवाह नहीं की और एक दूसरे से आगे होने की होड़ में लगे रहे। पुलिस भी खतरे से अनजान बनकर वहां ड्यूटी करती रही।

पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी का पार्थिव शरीर आज दोपहर अंतिम दर्शन के लिए उनके सरकारी निवास ‘मरवाही-सदन’ लाया गया। इससे पहले ही बड़ी संख्या में लोग पास-पास कुर्सियां लगाकर चबूतरे के पास बैठ गये थे। जोगी का शव जब वाहन से नीचे उतारा गया तो लोग एक दूसरे को धकियाते हुए ताबूत के पास पहुंचने के लिए उतावले हो गये। यहां थोड़े से बल के साथ मौजूद पुलिस निरीक्षक ने वहां पहुंचकर लोगों को समझाया कि दूरी बनाकर रखें। व्यवस्था को संभालने वाले जोगी के कुछ करीबी भी अपील करते रहे कि सामाजिक दूरी का पालन करें लेकिन किसी पर इसका कोई असर ही नहीं पड़ा। माहौल शोक का था लेकिन यहां भी लोग आगे-आगे दिखने को उतावले हो रहे थी। हर रोज सोशल डिस्टेंसिंग का पालन न  करने पर दर्जनों चालान काटने वाली बिलासपुर पुलिस ने यहां हानिकारक नरमी दिखाई। यहां उसने वालिंटियर्स भी तैनात किये थे लेकिन वे सब एक किनारे पर ही खड़े रह गये। हालत यह थी कि स्व. जोगी के बड़े भाई प्रो. एसआर जोगी परिवार के साथ पहुंचे तो उन्हें भीतर प्रवेश करने की जगह नहीं मिल रही थी। भीड़ के चलते विधायक शैलेष पांडे को करीब जाकर फूल चढ़ाने का मौका मुश्किल से मिल पाया। पूर्व मंत्री अमर अग्रवाल वहां श्रद्धांजलि अर्पित कर तुरंत वहां से हटे। महापौर रामशरण यादव और पूर्व बीडीए अध्यक्ष अनिल टाह जैसे कुछ नेताओं को शव वाहन में पुष्प अर्पित करने के लिए प्रवेश करना पड़ा। भीड़ में कई लोग ऐसे थे जिन्होंने मास्क लटका रखे थे पर पहने नहीं थे। आधे घंटे के दौरान अनेक वे लोग दर्शन से वंचित रह गये जो भीड़ में नहीं घुसना चाहते थे,  जबकि व्यवस्था ठीक तरह से बनाई जाती तो सामाजिक दूरी का ध्यान रखते हुए सभी को मौका मिल सकता था। बड़े आकार का बंगला होने के बावजूद शव को दर्शन के लिए पोर्च पर रखा गया जहां प्रवेश करने और निकलने के लिए जगह बहुत कम थी। इसके अलावा सड़क पर लोगों की कतार के लिए घेरा बनाया गया था लेकिन लोगों को भीड़ इकट्ठी होने के बावजूद बिना कतार ही प्रवेश करने से नहीं रोका गया।

उल्लेखनीय है कि स्व. अजीत जोगी के पुत्र अमित जोगी ने कल से ही अपील कर रखी थी कि अंतिम संस्कार की पूरी प्रक्रिया के दौरान सामाजिक दूरी का पालन किया जाये। कोरोना संक्रमण के मामले बढ़ने के बाद बिलासपुर को ग्रीन जोन की जगह सीधे रेड जोन में रखा गया है। यहां संक्रमण के चार मामले इस समय एक्टिव हैं। बिलासपुर के रेड जोन में होने के कारण यहां शनिवार-रविवार दो दिनों का टोटल लॉकडाउन रखा गया है। आज भी शहर को टोटल लॉकडाउन किया गया था।

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