सात दिन में ऑटोनोमस की अधिसूचना जारी नहीं होने पर तेज आंदोलन की चेतावनी

बिलासपुर। डीपी विप्र महाविद्यालय को मिली यूजीसी से मिली स्वशासी दर्जे को लेकर भ्रामक प्रचार करने व अनर्गल आरोप लगाने को लेकर छात्र संगठनों अटल बिहारी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. एडीएन बाजपेयी के विरुद्ध प्रदर्शन किया और सात दिनों का अल्टीमेटम दिया।
डीपी विप्र महाविद्यालय के पूर्व अध्यक्ष मनीष मिश्रा, एनएसयूआई के राष्ट्रीय सचिव समर्थ मिरानी व जिला महासचिव अरुण नथानी के नेतृत्व में छात्रों ने विश्वविद्यालय परिसर पहुंचकर नारेबाजी की और कुलसचिव को ज्ञापन सौंपा।
ज्ञापन नें कहा गया कि डीपी विप्र महाविद्यालय को विश्वविद्यालय अनुदान आयोग नई दिल्ली ने 19 जनवरी 2024 को स्वाशासी का दर्जा दे दिया है। भारत के राजपत्र में इसका प्रकाशन भी हो चुका है।  आयोग ने महाविद्यालय को स्वायत दर्जा प्रदान करने के बाद एक स्वायत् इकाई के रूप में कार्य करने के लिए 30 दिनों के भीतर अधिसूचना करने के लिए विश्वविद्यालय को निर्देशदिया है।
छात्रों का कहना है कि कुलपति इस पर सकारात्मक कार्य न कर कार्य परिषद की आपात बैठक बुलाकर अनर्गल आरोप लगारहे हैं। उन्होंने विश्वविद्यालय अनुदान आयोग को पत्र भी लिखा है।  कुलपति यूजीसी के आदेश की अवहेलना कर रहे हैं।
कुलपति अपने बयान में कह रहे हैं कि उनको विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के अंतिम निर्णय का इंतजार है। आयोग के नियमानुसार 30 दिनों में अधिसूचना जारी किया जाना था, जिसका पालन उन्होंने नहीं किया। यह कुलपति के व्यक्तिगत द्वेष की भावना को प्रदर्शित करता है। वे लगातार छत्तीसगढ़ शासन, छात्र, वरिष्ठ नागरिकों तथा बुद्धिजीवियों को मिथ्या जानकारी देकर भ्रमित कर रहे हैं।
छात्र नेताओं ने ज्ञापन में कहा कि कुलपति सात दिन के भीतर अधिसूचना जारी करें तथा प्रशासन समिति में सदस्य, अध्ययन मण्डल में नामिति नियुक्त करें। यदि नियुक्ति में विलंब होता है तो महाविद्यालय छात्र संगठन द्वारा चरणबद्ध आंदोलन करेंगे, जिसकी जिम्मेदारी कुलपति एवं विश्वविद्यालय प्रशासन की होगी।

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