बिलासपुर। कांग्रेस भवन विवाद मामले में पूर्व महापौर राजेश पांडेय ने खेद जताते हुए अपने रुख में नरमी दिखाई है। रविवार को प्रेसवार्ता के दौरान उन्होंने कहा कि उनकी मंशा किसी पदाधिकारी को ठेस पहुंचाने की नहीं थी, लेकिन उनकी बातों को समझने में गलती हुई। विवाद को लेकर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज से रायपुर में हुई मुलाकात का भी उन्होंने जिक्र किया।

कारण बताओ नोटिस

कांग्रेस भवन में हुए विवाद में पूर्व महापौर और पीसीसी पदाधिकारी के बीच गाली-गलौज की घटना इंटरनेट मीडिया पर वायरल हो गई थी। इस प्रकरण के चलते शहर कांग्रेस अध्यक्ष विजय पांडेय ने पूर्व महापौर को कारण बताओ नोटिस जारी किया, जिसका जवाब उन्होंने बंद लिफाफे में दिया।

दिल्ली तक पहुंचा मामला

यह विवाद सिर्फ स्थानीय स्तर तक सीमित नहीं रहा। जिला संगठन प्रभारी सुबोध हरितवाल ने इसे एआईसीसी महासचिव और प्रदेश कांग्रेस प्रभारी सचिन पायलट तक पहुंचाया और कार्रवाई की मांग की। चर्चा है कि हरितवाल सीधी कार्रवाई के पक्ष में हैं।

प्रेसवार्ता और बदले सुर

रविवार को आयोजित प्रेसवार्ता में राजेश पांडेय ने घटना पर खेद जताया। उन्होंने कहा कि उनकी बातों को राम समझने के बजाय रावण समझने की भूल कर दी गई। उन्होंने कांग्रेस छोड़ने की अफवाहों को खारिज करते हुए कहा कि वे पार्टी के प्रति पूरी तरह समर्पित हैं।

बैज की समझाइश का असर?

पांडेय ने यह स्वीकार किया कि प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज से मुलाकात के दौरान चुनावी स्थिति और अन्य मुद्दों पर चर्चा हुई। माना जा रहा है कि बैज की समझाइश के बाद ही उनके सुर में यह बदलाव आया है। हालांकि, पार्टी के भीतर इस नरमी को लेकर सुगबुगाहट है, और इसे सुबोध हरितवाल के दिल्ली संपर्कों का भी परिणाम माना जा रहा है।

कांग्रेस के दिग्गज पदाधिकारी इस पूरे घटनाक्रम को लेकर अपने-अपने स्तर पर चर्चाएं कर रहे हैं। मामला भले ही फिलहाल शांत होता दिख रहा हो, लेकिन इसके राजनीतिक असर पर नजरें टिकी हुई हैं।

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