चकरभाठा रेलवे स्टेशन पर एक महिला ने ट्रेन से उतरते ही ज़हर का सेवन कर लिया, लेकिन डायल 112 की त्वरित कार्रवाई से उसकी जान बचाई गई।
घटना तब हुई जब रायपुर से आ रही एक ट्रेन में सफर कर रही महिला ने अज्ञात कारणों से ज़हर खा लिया और चकरभाठा रेलवे स्टेशन पर उतरी। महिला की हालत गंभीर थी और उसकी गोद में तीन महीने का मासूम बच्चा था। स्टेशन पर मौजूद लोगों ने तुरंत डायल 112 को सूचना दी।
चकरभाठा-112 की टीम, जिसमें आरक्षक धर्मेश बघेल और चालक दुर्गेश साहू शामिल थे, महज आठ मिनट के भीतर रेलवे स्टेशन पहुँच गई। महिला पारिवारिक विवाद के कारण ज़हर खा चुकी थी और बेहोशी की हालत में थी। आरक्षक धर्मेश ने स्थिति की गंभीरता को समझते हुए तुरंत बच्चे को अपनी गोद में उठाया और लोगों की मदद से महिला को 112 वाहन से बिलासपुर के अस्पताल पहुँचाया, जहाँ उसकी जान बचाई गई।
पुलिस अधीक्षक रजनेश सिंह ने इस सराहनीय कार्य के लिए आरक्षक धर्मेश बघेल को पुरस्कृत किया है।
दो बच्चों की गूंजी किलकारी
डायल-112 आपातकालीन सेवा न सिर्फ संकट की घड़ी में मददगार साबित हो रही है, बल्कि जनकल्याण के विभिन्न पहलुओं में भी अहम भूमिका निभा रही है। खासकर उन महिलाओं के लिए, जो प्रसव पीड़ा में होती हैं और तत्काल अस्पताल पहुंचाने की आवश्यकता होती है। इस सेवा ने कई बार जीवन रक्षक साबित होकर लोगों की सराहना प्राप्त की है।
ऐसी ही एक घटना सरकंडा थाना क्षेत्र के ग्राम उरदू की है, जहां 18 वर्षीय गर्भवती महिला लक्ष्मी गंधर्व को प्रसव पीड़ा हो रही थी। समय पर कोई साधन न होने पर डायल-112 को सूचना दी गई। कोतवाली ईगल-2 की टीम तत्काल मौके पर पहुंची और महिला को अस्पताल ले जाने लगी, लेकिन बीच रास्ते में ही प्रसव पीड़ा बढ़ने पर गाड़ी को रोककर प्राथमिक उपचार की व्यवस्था की गई। महिला की सुरक्षित डिलीवरी मितानिन और परिजनों की मदद से वाहन में ही कराई गई।
इसी तरह तखतपुर थाना क्षेत्र के ग्राम तेंदुआ की नान बाई यादव को भी डायल-112 की कोटा ईगल-1 टीम ने समय रहते मदद पहुंचाई। दोनों महिलाओं और नवजात शिशुओं को सुरक्षित अस्पताल पहुंचाया गया, और उनके परिजनों ने इस सेवा की सराहना की।
बिलासपुर पुलिस अधीक्षक रजनेश सिंह ने इस सराहनीय कार्य के लिए टीम को पुरस्कृत किया और आमजन से किसी भी आपात स्थिति में डायल-112 से सहायता लेने की अपील की।