बिलासपुर। से तीन सप्ताह पहले अपने दल से बिछड़ा एक दंतैल हाथी, सीपत तहसील के सोठी सर्किल के जंगलों में भटकते हुए बिटकुला गांव तक पहुंच गया है।
हाथी की इस अचानक धमक से ग्राम पंचायत सोठी, निरतु, अदराली, बिटकुला, आमानारा, पैंगवापरा, जेवरा, खोंधरा, कनई, जुहली, कुकदा, मड़ई, खम्हरिया, लुतरा, ऊनि, कुली और आसपास के गांवों में भय का माहौल है। वन विभाग के कर्मचारी और अधिकारी हाथी की हर गतिविधि पर लगातार नजर रख रहे हैं।
सोठी सर्किल के वन अधिकारियों ने बताया कि देर रात यह हाथी सोठी के जंगल के आसपास विचरण कर रहा था। इसने अब तक किसी व्यक्ति को नुकसान नहीं पहुंचाया है। ग्रामीणों को सतर्क रहने और हाथी से दूरी बनाए रखने की सलाह दी गई है। डीएफओ और अन्य उच्च अधिकारियों के निर्देश पर हाथी पर 24 घंटे नजर रखी जा रही है, ताकि उसे सुरक्षित रूप से उसके दल तक पहुंचाया जा सके।
पैंगवापरा गांव के पंच कार्तिक राम रात लगभग 1 बजे मवेशियों की हलचल सुनकर वह बाहर निकले। उन्होंने देखा कि हाथी उनकी भुट्टा और गन्ने की फसल खा रहा था। इस दृश्य से डरकर वे पीठ के बल गिर गए और किसी तरह उठकर घर में घुसकर अपनी जान बचाई।
पूर्व में भी हाथियों ने दी थी दस्तक
फरवरी 2023 में भी ओडिशा से भटक कर 11 हाथियों का एक दल रायगढ़, सक्ती और जांजगीर होते हुए सीपत के सोठी वन सर्किल पहुंचा था, जिसने स्थानीय लोगों को 26 घंटे तक दहशत में रखा था। यह घटना आज भी लोगों के मन में ताजा है।
सोठी जाने का रास्ता बंद
नवापार से सोठी जाने वाले मार्ग को बंद कर दिया गया है, और आसपास के क्षेत्र में ग्रामीणों की आवाजाही पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। वन विभाग ने हाथी और ग्रामीणों की सुरक्षा के लिए यह कदम उठाया है, और गांव-गांव में मुनादी कराई जा रही है।
किसानों को मिलेगा मुआवजा
डीएफओ सत्यदेव शर्मा ने बताया कि हाथी की गतिविधियों के चलते कुछ किसानों की फसल को नुकसान हुआ है, जिसके लिए उन्हें मुआवजा मिलेगा। हाथी की सुरक्षा में 24 घंटे स्टाफ तैनात किया गया है, और लोगों को घबराने की आवश्यकता नहीं है।