बिलासपुर। विधि एवं न्याय विभाग के द्वारा न्याय बन्धु एप तैयार किया गया है, जिसके माध्यम से जररूतमंद अब घर बैठे निःशुल्क विधिक सलाह प्राप्त की जा सकती है।

अधिवक्ताओं की सूची राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा तैयार की गई है,जिसमें तहसील, जिला एवं उच्च न्यायालय स्तर के अधिवक्ता शामिल हैं। इस योजना में फिलहाल जिला न्यायालय से 236 एवं हाईकोर्ट से 97 अधिवक्ता शामिल हैं।

हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश व छत्तीसगढ़ विधिक सेवा प्राधिकरण के मुख्य संरक्षक पी.आर. रामचंद्र मेनन व प्राधिकरण के कार्यपालन अध्यक्ष जस्टिस प्रशांत कुमार  मिश्रा के मार्गदर्शन में प्रो बोनो लीगल सर्विसेस के तहत अधिकाधिक लोगों को सेवा प्रदान करने के लिए व्यापक प्रचार-प्रसार किया जा रहा है। सूचीबद्ध अधिवक्ताओं की जानकारी न्याय मंत्रालय भारत सरकार को भेज दी गई है तथा इन अधिवक्ताओं से अपील की गई है कि उक्त एप को डाउनलोड कर वे उसमें अपना पंजीयन करा लें ताकि अधिक से अधिक जरूरतमंद व्यक्ति उनसे सम्पर्क कर विधिक सहायता, सलाह ले सकें।

विधिक सेवा प्राधिकरण अधिनियम 1987 की धारा 12 के अंतर्गत पात्र व्यक्ति इस एप से सेवा ले सकेंगे। अनुसूचित जाति, जनजाति के सदस्य, संविधान के अनुच्छेद 23 में बताये गये मानव व्यापार व बेगारी  के शिकार व्यक्ति, स्त्री, बालक, दिव्यांग, जो व्यक्ति अभिरक्षा में हैं, बहु विनाश, जातीय हिंसा, बाढ़, सूखा, भूकम्प व औद्योगिक संकट के शिकार व्यक्ति, कम आमदनी वाले व्यक्ति व अन्य इनमें शामिल किये गये हैं।

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