बिलासपुर। समग्र शिक्षा जिला कार्यालय द्वारा समावेशी शिक्षा के अंतर्गत देवकीनंदन स्कूल में जिला स्तरीय अभिमुखीकरण कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम में 40 प्राचार्यों और माध्यमिक स्तर के व्याख्याताओं के साथ 20 दिव्यांग बच्चों के अभिभावकों को प्रशिक्षण दिया गया।
प्रशिक्षण का उद्देश्य और विषयवस्तु
इस प्रशिक्षण में जिले के विभिन्न विकासखंडों के 62 प्रधान पाठकों, शिक्षकों और विशेष आवश्यकता वाले बच्चों के अभिभावकों को 21 प्रकार की दिव्यांगता, दिव्यांगों से संबंधित समस्याओं के समाधान, सहायक उपकरणों के उपयोग, सरकारी योजनाओं की जानकारी आदि विषयों पर जानकारी दी गई।
गंभीर बच्चों के लिए विशेष जानकारी
जिले के 67 गंभीर दिव्यांग बच्चों के अभिभावकों को, जो होम बेस्ड शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं, जीवन कौशल विकास तकनीक, सामाजिक समावेशन, पुनर्वास के व्यक्तित्व विकास पर प्रभाव, दिव्यांग बच्चों के अधिकार और समाज की जिम्मेदारियां, फिजियोथेरेपी (शारीरिक व्यायाम) आदि विषयों पर विस्तृत जानकारी प्रदान कर उनकी समस्याओं का समाधान किया गया।
अधिकारियों और विशेषज्ञों का योगदान
जिला मिशन समन्वयक अनुपमा राजवाड़े ने प्रशिक्षण के दौरान प्राप्त कौशल और ज्ञान को विद्यालय स्तर पर लागू करने की अपील की। डॉ. मुकेश पांडे ने प्रशिक्षण की प्रासंगिकता पर प्रकाश डाला। सहायक कार्यक्रम समन्वयक डॉ. अखिलेश तिवारी ने प्रतिभागियों को दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम 2016 के बारे में जागरूक किया और कहा कि दिव्यांग लोगों के अधिकारों की सुरक्षा और अधिनियम का पालन आवश्यक है।
मास्टर ट्रेनर्स द्वारा प्रशिक्षण
मास्टर ट्रेनर्स आराधना शर्मा, उत्तम भारद्वाज, पूर्णिमा खोबरागड़े, सुष्मिता दिवाकर, सुदीप, भूपेंद्र, कमलेश, विनीता, गोविंद, प्रवीण, मोना और वंदना ने प्रशिक्षण दिया।