रायपुर/दुर्ग-भिलाई। भारत-पाकिस्तान तनाव और पहलगाम आतंकी हमले की गूंज के बीच छत्तीसगढ़ के दुर्ग-भिलाई में 7 मई 2025 को सायरन की तीव्र आवाज और ब्लैकआउट ने शहर को युद्धकालीन माहौल में ला दिया। केंद्र सरकार के निर्देश पर देश के 244 जिलों में आयोजित नागरिक सुरक्षा मॉक ड्रिल में छत्तीसगढ़ से दुर्ग-भिलाई को चुना गया। रायपुर में भी तैयारियों की चर्चा जोरों पर रही। यह अभ्यास न केवल सुरक्षा तैयारियों का इम्तिहान था, बल्कि आम लोगों में जागरूकता जगाने का एक सशक्त कदम भी!
दुर्ग-भिलाई में दो चरणों में अभ्यास
दुर्ग-भिलाई में मॉक ड्रिल दो चरणों में संपन्न हुई। दोपहर 4 बजे शुरू हुए पहले चरण में हवाई हमले से बचाव के तरीकों का अभ्यास किया गया। सायरन की 120 डेसिबल की तीव्र आवाज ने लोगों को सतर्क किया। डेढ़ घंटे बाद, शाम 7:30 बजे दूसरा चरण शुरू हुआ, जिसमें पूरे शहर में ब्लैकआउट लागू किया गया। घर, दुकानें और वाहनों की लाइटें बंद होने से शहर अंधेरे में डूब गया। भिलाई स्टील प्लांट के रणनीतिक महत्व के कारण दुर्ग को विशेष रूप से अलर्ट पर रखा गया। सिविल डिफेंस वॉलेंटियर्स ने नागरिकों को सुरक्षित रहने की तकनीकों का प्रशिक्षण दिया।
रायपुर में प्रशासनिक हलचल
रायपुर में भले ही मॉक ड्रिल का आयोजन नहीं हुआ, लेकिन प्रशासनिक तैयारियां चर्चा में रहीं। सचिवालय में मुख्य सचिव की अध्यक्षता में हुई बैठक में मॉक ड्रिल की रूपरेखा तैयार की गई। सभी कलेक्टरों और पुलिस अधीक्षकों को आपातकालीन तैयारियों के लिए दिशा-निर्देश जारी किए गए। स्थानीय समाचार पोर्टल्स ने इसे छत्तीसगढ़ की सुरक्षा रणनीति के लिए महत्वपूर्ण कदम बताया।
आपदा प्रबंधन और नागरिक सहयोग
मॉक ड्रिल का उद्देश्य युद्ध या आपातकाल में नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करना और आपदा प्रबंधन की तैयारियों को परखना था। दुर्ग में एसडीआरएफ और एनडीआरएफ ने बचाव कार्य, निकासी योजनाओं और अग्निशमन का अभ्यास किया। कलेक्टर ने बताया कि भिलाई स्टील प्लांट जैसे औद्योगिक केंद्र के कारण दुर्ग को इस अभ्यास के लिए चुना गया। उपमुख्यमंत्री अरुण साव ने कहा कि पह ख़बरों के मुताबिक, केंद्र सरकार के कड़े कदमों का छत्तीसगढ़ पूरी तरह पालन कर रहा है।
सोशल मीडिया पर चर्चा
सोशल मीडिया पर इस मॉक ड्रिल की खूब चर्चा रही। नेताओं और नागरिकों ने इसे 1971 के युद्ध के बाद सबसे बड़े पैमाने का अभ्यास बताया। एक यूजर ने लिखा कि सायरन और ब्लैकआउट ने युद्धकालीन माहौल बना दिया। बीजेपी छत्तीसगढ़ ने अपने पोस्ट में इसे नागरिक सुरक्षा के लिए ऐतिहासिक कदम बताया।
नागरिकों से प्रशासन की अपील
प्रशासन ने नागरिकों से मॉक ड्रिल को लेकर घबराने के बजाय जागरूकता के साथ सहयोग करने की अपील की। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा कि यह अभ्यास लोगों में सुरक्षा के प्रति जागरूकता बढ़ाने का अवसर है। यह मॉक ड्रिल न केवल आपातकालीन तैयारियों को मजबूत करने के लिए थी, बल्कि भारत-पाकिस्तान तनाव के बीच देश की रक्षा तैयारियों को और सुदृढ़ करने का एक सकारात्मक प्रयास भी थी।