बिलासपुर। कैंसर से पीड़ित मासूम हिमांशु की मौत और उसी दिन उसके आशियाने को तोड़े जाने की घटना ने लिंगियाडीह के लोगों को झकझोर दिया। परिवार के लोग जब बच्चे के इलाज के लिए रायपुर गए हुए थे, उसी दौरान नगर निगम ने लिंगियाडीह इलाके में अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई की, जिसमें हिमांशु के पिता संतोष यादव का कच्चा मकान ढहा दिया गया। टूटे हुए घर की खबर मिलते ही संतोष अपने बीमार बेटे को लेकर बिलासपुर पहुंचा, जहां कुछ ही देर बाद मासूम की मौत हो गई।
घटना से आक्रोशित परिजन शव लेकर कलेक्ट्रेट पहुंचे और मुख्य गेट के सामने धरना शुरू कर दिया। वे दोषियों पर सख्त कार्रवाई और उसी स्थान पर मकान पुनर्निर्माण की मांग कर रहे हैं। परिजनों का आरोप है कि नगर निगम ने न तो कोई पूर्व सूचना दी, न ही बीमारी की जानकारी के बावजूद मोहलत दी। वहीं, निगम ने अपनी सफाई में दावा किया है कि कार्रवाई मानवीय संवेदना के साथ की गई और परिवार को पहले ही वैकल्पिक आवास आवंटित किया गया था।
“बेटे ने पूछा- घर कैसे टूट गया… फिर कुछ देर में उसकी मौत हो गई”
मृतक हिमांशु के पिता संतोष यादव ने बताया कि उन्होंने नगर निगम अधिकारियों से गुहार लगाई थी कि बेटा कैंसर से पीड़ित है, इलाज के सिलसिले में बाहर हैं, कुछ वक्त दीजिए, लेकिन किसी ने नहीं सुनी। संतोष का आरोप है कि उनके मकान को 200 फीट अंदर तक तोड़ा गया, जबकि अन्य मकानों में सिर्फ 70 फीट तक की कार्रवाई हुई। उन्होंने यह भी कहा कि मकान टूटे होने की बात बेटे को बताई तो उसने कुछ देर बाद दम तोड़ दिया।
“एकतरफा कार्रवाई”, बोले पार्षद, परिजन बोले- न्याय चाहिए
घटना के बाद मोहल्लेवासियों और पार्षद दिलीप पाटिल ने भी निगम पर एकतरफा कार्रवाई करने का आरोप लगाया। पार्षद ने कहा कि नगर निगम की यह कार्रवाई अव्यवस्थित और असंवेदनशील रही, जिससे एक मासूम की जान चली गई। उन्होंने यह भी सवाल उठाया कि बच्चे के परिवार को जो वैकल्पिक आवास दिखाया गया है, वह क्या वाकई रहने लायक है?
कलेक्टर ने दिया जांच और मदद का आश्वासन
बिलासपुर कलेक्टर संजय अग्रवाल ने कहा कि लिंगियाडिह में सड़क संकरी हो चुकी है और आपसी सहमति से अतिक्रमण हटाया जा रहा था। इस बीच एक दुखद घटना हुई है। मृतक बच्चा कैंसर के अंतिम स्टेज में था। परिजनों से मुलाकात कर उन्हें न्याय और उचित सहायता का भरोसा दिलाया गया है। सोमवार को परिजनों को बुलाया गया है।
नगर निगम की सफाई: “मकान हमने नहीं तोड़ा, खुद हटाया था”
नगर निगम की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि हिमांशु की मृत्यु दुखद है, लेकिन इसका अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई से कोई संबंध नहीं है। निगम के अनुसार, 28 मई से सड़क चौड़ीकरण की कार्रवाई शुरू की गई थी और अधिकांश लोगों ने पहले से ही नोटिस के आधार पर स्वयं ही अतिक्रमण हटाना शुरू कर दिया था। संतोष यादव का मकान भी इसी क्षेत्र में था और जब पता चला कि वह रायपुर में है, तो पहले कोई कार्रवाई नहीं की गई।
बयान में यह भी दावा किया गया है कि जैसे ही संतोष ने बच्चे की बीमारी की जानकारी दी, नगर निगम ने मानवीय पहल दिखाते हुए सेकेंड फ्लोर की बजाय ग्राउंड फ्लोर का मकान आवंटित किया और उनका सामान भी शिफ्ट करवाया गया। निगम का कहना है कि बच्चे की मौत 30 मई को हुई है, जबकि मकान तो उन्होंने खुद हटाना शुरू कर दिया था।
सड़क चौड़ीकरण की योजना पर कई सवाल
अपोलो अस्पताल मार्ग को चौड़ा करने की योजना के तहत मानसी लॉज से शनिचरी रपटा तक अतिक्रमण हटाया जा रहा है। नगर निगम का कहना है कि शासकीय भूमि पर कब्जा इस काम में बाधा बन रहा है, इसलिए पूर्व में ही नोटिस जारी कर कार्रवाई की जा रही है। हालांकि, इस संवेदनशील मामले के बाद प्रशासनिक रवैये पर सवाल उठ खड़े हुए हैं।