बिलासपुर। जिला प्रशासन ने मिशन अस्पताल परिसर पर करोड़ों की सरकारी जमीन से अवैध कब्जा हटाने का अभियान बुधवार को शुरू किया। नगर निगम के अतिक्रमण दस्ते ने सुबह 6 बजे से ऑपरेशन चालू किया, जिसमें 10 बुलडोजर लगाए गए। यह जमीन लंबे समय से व्यावसायिक उपयोग में लाकर किराए पर दी जा रही थी।
कमिश्नर कोर्ट ने मिशन अस्पताल की लीज समाप्त करने का आदेश पहले ही पारित कर दिया था। इसके बावजूद अस्पताल परिसर का उपयोग ओपीडी, आईसीयू और अन्य सेवाओं के लिए किया जा रहा था। जर्जर स्थिति में पहुंच चुके इस भवन को खतरनाक घोषित कर दिया गया, जिसके बाद प्रशासन ने नगर निगम की टीम के साथ मिलकर इसे गिराने की प्रक्रिया शुरू की।
मिशन अस्पताल की स्थापना वर्ष 1885 में हुई थी और इसे लीज पर दिया गया था। यह लीज 2014 में समाप्त हो गई, लेकिन प्रबंधन ने नवीनीकरण नहीं कराया। नजूल न्यायालय ने नवीनीकरण के आवेदन को खारिज कर दिया और हाईकोर्ट ने भी प्रबंधन की अपील पर स्थगन आदेश देने से इनकार कर दिया।
मिशन अस्पताल परिसर की जमीन पर कब्जा कर क्रिश्चियन वुमन बोर्ड के डायरेक्टर डॉ. रमन जोगी ने इसे किराए पर दे दिया था। अस्पताल का संचालन बंद कर इसे न्यू वंदना अस्पताल के नाम से चलाया जा रहा था। नर्सिंग कॉलेज, हॉस्टल और स्टाफ क्वॉर्टर जैसी सुविधाओं का भी व्यावसायिक उपयोग किया गया।
जिला प्रशासन के कब्जे के बावजूद परिसर में लोग किराए पर रह रहे थे। मुख्य अस्पताल के पीछे स्थित लाल रंग की इमारत में नर्सिंग कॉलेज का कार्यालय और अन्य सुविधाएं भी चालू थीं। विधायक निधि से यहां जनरेटर और एसी जैसी व्यवस्थाएं की गई थीं।
प्रशासन ने अवैध कब्जाधारियों के खिलाफ कड़ा कदम उठाते हुए परिसर को अपने नियंत्रण में ले लिया है। अतिक्रमण दस्ते द्वारा भवन को जमींदोज करने का काम जारी है। जिला प्रशासन और नगर निगम की संयुक्त टीम इस कार्रवाई को अंजाम दे रही है।