विशेषज्ञ मूर्ति ने जंगल का भ्रमण कर बैठक ली, कई जरूरी सुझाव दिए
रायपुर। प्रसिद्ध बाघ संरक्षण विशेषज्ञ एवं पन्ना टाइगर रिजर्व में फील्ड डायरेक्टर रहे सेवानिवृत आईएफएस श्रीनिवास मूर्ति ने बारनवापारा अभ्यारण्य क्षेत्र का भ्रमण किया। अभयारण्य में एक बाघ विचरण कर रहा है, जिसके संरक्षण के लिए उन्होंने कई सुझाव दिए हैं।
प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्यप्राणी) सुधीर कुमार अग्रवाल के विशेष आग्रह पर बाघ के आईएफएस.(सेवा निवृत्त) आर.श्रीनिवास मूर्ति को बारनवापारा अभ्यारण्य आमंत्रित किया गया था। उन्होंने वनमण्डल बलौदाबाजार के अंतर्गत बारनवापारा अभ्यारण्य में 26 व 27 जून को दौरा किया। उन्होंने प्रवास में बारनवापारा अभ्यारण्य एवं सीमावर्ती वन परिक्षेत्रों के अंतर्गत वर्तमान में विचरण कर रहे एक बाघ की निगरानी तथा सुरक्षा के लिए अधिकारी कर्मचारियों की बैठक लेकर चर्चा की। मूर्ति ने बाघ विचरण क्षेत्र का सूक्ष्म भ्रमण कर बाघ में ‘‘रेडियो कालर‘‘ लगाने का सुझाव दिया। उन्होंने कहा कि बारनवापारा एवं आसपास का वनक्षेत्र बाघ के रहवास के लिए उपयुक्त है। क्षेत्र में पर्याप्त मात्रा में प्रे-बेस, वाटरबॉडी (पेयजल स्थान) एवं बाघ रहवास क्षेत्र है, जिसमें बाघ आसानी से रह और विचरण कर सकते हैं। बाघ की मॉनिटरिंग के लिए मूर्ति ने बलौदाबाजार, देवपुर एवं बल्दाकछार के स्टाफ को प्रशिक्षण भी दिया। उन्होंने बाघ की सुरक्षा के लिए में किए गए कार्यों की सराहना की। उन्होंने जन मानस एवं बाघ की सुरक्षा के लिए 4 कुमकी हाथी बारनवापारा अभ्यारण्य वनमण्डल बलौदाबाजार लाने एवं निगरानी करने का सुझाव दिया।
उल्लेखनीय है कि आर.श्रीनिवास मूर्ति पन्ना टाइगर रिजर्व में फील्ड डायरेक्टर थे। वे पन्ना टाइगर रिजर्व में लगातार 2009 से 2015 तक फील्ड डायरेक्टर रहे। तब वहां बाघ की संख्या शून्य से 32 हो चुकी थी। वर्तमान में पन्ना टाइगर रिजर्व में लगभग 90 टाइगर है। टाइगर की संरक्षण एवं संख्या बढ़ाने में मूर्ति का महत्वपूर्ण योगदान है।