रायपुर। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने आज नई दिल्ली स्थित रेल भवन में केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव से मुलाकात की। उन्होंने इस दौरान राज्य की कई नई रेल परियोजनाओं पर विस्तार से चर्चा की। मुख्यमंत्री ने राज्य के सामाजिक और आर्थिक विकास के लिए रेल नेटवर्क के विस्तार की आवश्यकता पर जोर दिया और विभिन्न परियोजनाओं के महत्व को विस्तार से समझाया। उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा भी इस दौरान उनके साथ थे।
साय ने राज्य के सामाजिक और आर्थिक विकास के लिए रेल नेटवर्क के विस्तार की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने इस दौरान राज्य की चार प्रमुख रेल परियोजनाओं धर्मजयगढ़-पत्थलगांव-लोहरदगा नई लाइन परियोजना, अंबिकापुर-बरवाडीह नई लाइन परियोजना, खरसिया-नया रायपुर-परमलकसा नई रेल लाइन परियोजना  और रावघाट-जगदलपुर नई रेल लाइन परियोजना को जल्द शुरू करने का आग्रह किया।
धर्मजयगढ़-पत्थलगांव-लोहरदगा नई लाइन परियोजना (240 किमी)
मुख्यमंत्री साय ने बताया कि यह परियोजना क्षेत्र के सामाजिक एवं आर्थिक विकास के लिए आवश्यक है। यह पत्थलगांव, कुनकुरी, जशपुर नगर, गुमला आदि महत्वपूर्ण शहरों को जोड़ती है। यह उत्तरी छत्तीसगढ़ को झारखंड से जोड़ेगी। इस परियोजना के माध्यम से औद्योगिक (कोरबा) क्षेत्र को लोहरदगा से जोड़ने की योजना है। इसके अतिरिक्त, यह क्षेत्र को पूर्व में कोरबा और रांची के होकर मध्य भारत से जोड़ेगी। परियोजना की अनुमानित लागत लगभग 16,000 करोड़ रुपए है।
अंबिकापुर-बरवाडीह नई लाइन परियोजना (200 किमी)
इस परियोजना की मांग आजादी से पहले 1925 में की गई थी। हालांकि, 1948 में मंजूरी मिलने के बावजूद यह परियोजना अब तक अधूरी रही। मुख्यमंत्री ने बताया कि यह परियोजना अंबिकापुर (उत्तरी छत्तीसगढ़) को बरवाडीह (झारखंड) से जोड़ेगी और परसा, राजपुर, चंदनपुर आदि महत्वपूर्ण शहरों को कनेक्ट करेगी। इस परियोजना के माध्यम से देश के उत्तरी और पूर्वी हिस्से में कोयला और अन्य खनिजों के परिवहन के लिए वैकल्पिक मार्ग उपलब्ध होगा। परियोजना की अनुमानित लागत लगभग 9000 करोड़ रुपए है।
खरसिया-नया रायपुर-परमलकसा नई रेल लाइन परियोजना (277 किमी)
मुख्यमंत्री ने बताया कि यह परियोजना देश के पश्चिमी क्षेत्र में एसईसीएल और एमसीएल कोयला क्षेत्रों की निकासी के लिए एक वैकल्पिक मार्ग प्रदान करती है। यह बिलासपुर और रायपुर स्टेशनों को बायपास करते हुए बलौदाबाजार क्षेत्र को कनेक्टिविटी प्रदान करेगी। परियोजना की अनुमानित लागत लगभग 8000 करोड़ रुपए है।
रावघाट-जगदलपुर नई रेल लाइन परियोजना (140 किमी)
रेलवे पहले से ही दल्ली-राजहरा-रावघाट 95 किमी नई रेलवे लाइन का निर्माण कर रही है। मुख्यमंत्री साय ने सुझाव दिया कि इस लाइन को जगदलपुर तक बढ़ाया जाए, ताकि आदिवासी क्षेत्र का आर्थिक और सामाजिक विकास किया जा सके। यह परियोजना छत्तीसगढ़ के खनिज समृद्ध क्षेत्र से इस्पात उद्योगों तक लौह अयस्क की निकासी के कुशल और पर्यावरण अनुकूल साधन प्रदान करेगी। परियोजना की अनुमानित लागत लगभग 3500 करोड़ रुपए है।
बैठक के दौरान रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इन परियोजनाओं की संभावनाओं और लाभों को स्वीकार किया और इन पर तेजी से काम करने का आश्वासन दिया है। उन्होंने कहा कि ये परियोजनाएं राज्य के समग्र विकास के लिए महत्वपूर्ण हैं और रेलवे मंत्रालय इन्हें प्राथमिकता देगा।

केंद्रीय खेल व रोजगार मंत्री से मिले सीएम-डिप्टी सीएम

साय और शर्मा ने नई दिल्ली में केंद्रीय श्रम, रोजगार, युवा एवं खेल मामलों के मंत्री डॉ. मनसुख मंडाविया से भी उनके आवास पर मुलाकात की। उन्होंने डॉ. मंडाविया से छत्तीसगढ़ में रोजगार सृजन, श्रमिक कल्याण और खेल सुविधाओं के विस्तार के लिए केंद्र सरकार से और अधिक सहायता का आग्रह किया।
मुख्यमंत्री ने केन्द्रीय मंत्री को बताया कि छत्तीसगढ़ सरकार ने श्रमिकों के हितों के लिए न्यूनतम मजदूरी दर में वृद्धि, श्रमिक कल्याण योजनाओं का क्रियान्वयन और रोजगार के नए अवसरों का सृजन किया है। मुख्यमंत्री ने राज्य में बेरोजगारी की दर को कम करने के लिए केंद्र सरकार से और अधिक सहयोग की मांग की।
साय ने केन्द्रीय मंत्री डॉ. मंडाविया से कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार ने ग्रामीण और आदिवासी क्षेत्रों में खेल प्रतिभाओं को प्रोत्साहित करने के लिए विभिन्न योजनाएं शुरू की हैं। केंद्र सरकार इन योजनाओं को और अधिक समर्थन दे, ताकि राज्य के युवा राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उत्कृष्ट प्रदर्शन कर सकें। डॉ. मंडाविया ने कहा कि केंद्र सरकार छत्तीसगढ़ को हरसंभव सहयोग देने को तैयार है।

कोई जवाब दें

Please enter your comment!
Please enter your name here