बिलासपुर। बिलासपुर रेलवे स्टेशन के प्लेटफॉर्म नंबर 1 से यात्री ट्रेनों की बजाय मालगाड़ियों को प्राथमिकता देने को लेकर यात्रियों और जनप्रतिनिधियों ने नाराज़गी जताई है। प्लेटफॉर्म नंबर 1 स्टेशन के मुख्य प्रवेश द्वार के ठीक सामने है, जिससे सीधा पहुंचना आसान होता है, लेकिन यहां से अधिकतर मालगाड़ियाँ ही रवाना की जा रही हैं। इसके चलते अधिकांश यात्री ट्रेनें प्लेटफॉर्म नंबर 2, 3, 4 और 5 पर रोकी जा रही हैं, जिससे वरिष्ठ नागरिकों, दिव्यांगों और महिलाओं को भारी असुविधा हो रही है।

रेलवे ने इस मुद्दे पर सफाई देते हुए कहा है कि यार्ड रीमॉडलिंग और संचालन की तकनीकी जरूरतों के चलते ऐसा किया जा रहा है। प्लेटफॉर्म नंबर 1 से डाउन दिशा की ट्रेनें चलाई जाती हैं, जबकि 2 और 3 से अप और डाउन दोनों दिशाओं की, और 4 एवं 5 से मुख्यतः अप दिशा की ट्रेनें संचालित होती हैं। क्रॉस मूवमेंट, लूप लाइन की लंबाई और ट्रेनों की दिशा को ध्यान में रखते हुए यह व्यवस्था की गई है।

रेलवे के अनुसार, प्लेटफॉर्म 1 से प्रतिदिन 8 दैनिक और 9 साप्ताहिक-द्विसाप्ताहिक ट्रेनों का संचालन हो रहा है। पहले कुछ ट्रेनें जो प्लेटफॉर्म 1 से जाती थीं, उन्हें करीब डेढ़ साल पहले उसलापुर स्थानांतरित कर दिया गया था।

स्टेशन विकास कार्यों की भी दी जानकारी

रेलवे ने जानकारी दी है कि बिलासपुर स्टेशन पर यार्ड रीमॉडलिंग का काम 250 करोड़ रुपये की लागत से किया जा रहा है, जिसमें नई रेल लाइनों का निर्माण, इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग सिस्टम, फ्लाईओवर लाइन और सिग्नलिंग सिस्टम का अपग्रेड शामिल है। इससे ट्रेनों की समयबद्धता में सुधार होगा और क्रॉस मूवमेंट की समस्या घटेगी।

स्टेशन के पुनर्विकास के तहत 392 करोड़ रुपये की लागत से आधुनिक सुविधाएं विकसित की जा रही हैं। इसमें 31 लिफ्ट, 21 एस्केलेटर, खानपान स्टॉल, वेंडिंग ज़ोन, ई-कैटरिंग, और प्लेटफार्म 9, 10, 11 का निर्माण शामिल है। योजना के मुताबिक झारसुगुड़ा की ओर से कटनी जाने वाली ट्रेनों को आरओआर (रेल ओवर रेल) के जरिए उसलापुर होते हुए रवाना किया जाएगा।

रेलवे ने यात्रियों से अपील की है कि वे निर्माण कार्यों में हो रही असुविधा को विकास का हिस्सा मानें। ये कार्य भविष्य में बेहतर यात्रा अनुभव देने के लिए किए जा रहे हैं।

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