ज्यादातर FIR कांग्रेस सरकार के दौरान दर्ज हुए 

रायपुर। मूलवासी बचाओ मंच और मानवाधिकार संगठन PUCL से जुड़ी बस्तर की सामाजिक कार्यकर्ता सुनीता पोट्टाम को आज रायपुर में पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। पुलिस का कहना है कि उसके खिलाफ 11 से अधिक गंभीर आपराधिक मामलों में  स्थायी वारंट हैं, जिनके चलते गिरफ्तारी की गई है।
बीजापुर के गंगालूर ब्लॉक के कोरचोली गांव की सुनीता पोट्टाम और इसी गांव की मुन्नी पोट्टाम ने सितंबर 2016 में तब लोगों का ध्यान खींचा था, जब उन्होंने नवंबर 2015 से अगस्त 2016 के बीच बीजापुर में सुरक्षा बलों और नक्सलियों के बीच हुए मुठभेड़ों में निर्दोष लोगों के मारे जाने के कई मामलों को लेकर थाने में शिकायत दर्ज कराना चाहा। शिकायत दर्ज करने से मना करने पर उन्होंने छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की थी। दिसंबर 2015 में बस्तर पुलिस ने माओवादियों से बस्तर को मुक्त करने के लिए निर्णायक अभियान शुरू करने की घोषणा की थी। उसके बाद गिरफ्तारियों, कथित मुठभेड़ों और अन्य प्रकार की हिंसा बढ़ी थी।  बाद में उन्होंने बस्तर में होने वाली कथित राज्य प्रायोजित हिंसा, लूटपाट, यौन उत्पीड़न, निजी कंपनियों की मनमानी, ग्राम सभा की अवहेलना के मामलों को उठाया। इस साल जनवरी महीने में 6 माह के एक शिशु की पुलिस की कथित क्रॉस फायरिंग में मौत के मामले को भी उन्होंने जगदलपुर में प्रेस कांफ्रेंस कर उठाया था।
उनको रायपुर में आज पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। पुलिस का कहना है कि बीजापुर जिले में उसके खिलाफ हत्या, हत्या के प्रयास, आगजनी लूट आदि के अनेक मामलों में अपराध दर्ज हैं, जिनमें से 11 में स्थायी वारंट जारी है। इसके चलते रायपुर में गिरफ्तारी की गई, जहां वह अपनी पहचान छुपा कर रह रही थी। एक जानकारी के मुताबिक सुनीता पोट्टाम के खिलाफ ज्यादातर मामले सन् 2019 से 2022 के बीच दर्ज किए गए हैं, उस वक्त प्रदेश में कांग्रेस की सरकार थी।

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