बिलासपुर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बहुप्रतीक्षित सभा बिलासपुर में संपन्न हुई, लेकिन बिलासपुर में हवाई सुविधा विस्तार या एयरपोर्ट के विकास को लेकर कोई घोषणा नहीं हुई। इससे हवाई सुविधा जन संघर्ष समिति और आम जनता में गहरी निराशा व्याप्त है।

समिति लंबे समय से सोशल मीडिया और अन्य माध्यमों के जरिए बिलासा बाई केवट एयरपोर्ट के 4C स्तर उन्नयन के लिए 300 करोड़ रुपये की मांग कर रही थी। इसके अतिरिक्त, प्रधानमंत्री से यह भी अपेक्षा थी कि वे सेना के अधीन 300 एकड़ जमीन को एयरपोर्ट के लिए उपलब्ध कराने की दिशा में कोई ठोस कदम उठाएंगे। हालांकि, सभा में प्रधानमंत्री ने बिलासा बाई केवट का नाम तो लिया, लेकिन एयरपोर्ट विस्तार को लेकर कोई बयान नहीं दिया।

स्थानीय जनप्रतिनिधियों की भूमिका पर सवाल

हवाई सुविधा जन संघर्ष समिति ने इस मुद्दे पर निराशा व्यक्त करते हुए कहा कि सरकार का वर्षों से इस विषय पर उदासीन रहना बेहद दुखद है। समिति का मानना है कि स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने प्रधानमंत्री के समक्ष हवाई सुविधा विस्तार का विषय नहीं उठाया, अन्यथा वे इस पर कोई घोषणा अवश्य करते। समिति ने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री की सभा के बाद कई आम नागरिकों ने अपने आक्रोश और निराशा को व्यक्त करते हुए समिति के सदस्यों से मुलाकात की और अपनी भावनाएँ साझा कीं।

हवाई सुविधा विस्तार के लिए संघर्ष जारी रहेगा

समिति ने स्पष्ट किया कि इस निराशाजनक स्थिति के बावजूद बिलासपुर की हवाई सुविधा की लड़ाई जारी रहेगी। यह संघर्ष अब केवल एक सुविधा की मांग तक सीमित नहीं, बल्कि शहर की अस्मिता से जुड़ चुका है। जब तक बिलासपुर को पूर्ण विकसित एयरपोर्ट और सभी प्रमुख महानगरों तक सीधी उड़ान की सुविधा नहीं मिल जाती, तब तक आंदोलन जारी रहेगा।

जनता की अपेक्षाओं पर प्रधानमंत्री की चुप्पी और स्थानीय नेतृत्व की निष्क्रियता ने हवाई सुविधा जन संघर्ष समिति को और अधिक दृढ़ संकल्पित कर दिया है। आने वाले दिनों में समिति इस मुद्दे को और प्रभावी ढंग से उठाने की रणनीति बनाएगी, जिससे बिलासपुर को उसका हक मिल सके।

 

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