बिलासपुर। छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने हरियाणा चुनावों पर कड़ा प्रहार करते हुए कहा कि “मशीनों के खेल में व्यवस्था की जीत हुई और लोकतंत्र हार गया।” उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि भाजपा उन्हें लंबे समय से निशाना बना रही है, और अब उनके बच्चों को नोटिस भेजे जा रहे हैं।
कवर्धा के लोहारीडीह मामले का जिक्र करते हुए बघेल ने कहा कि राज्य सरकार पूरे गांव को फंसाने की कोशिश कर रही है। उन्होंने बताया कि इस मामले में 176 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है, जिसमें से 69 लोगों को गिरफ्तार किया गया है, जिनमें 35 महिलाएं, 32 पुरुष और 2 नाबालिग शामिल हैं। उन्होंने यह भी कहा कि पुलिस बाकी नामों का खुलासा नहीं कर रही और एफआईआर को सील कर दिया गया है। बघेल ने सवाल उठाया, “क्या राज्य सरकार फांसी देने की कोशिश कर रही है?” क्योंकि इस मामले में एनपीएस की धारा 135(1)(2) लगाई गई है, जिसमें मौत की सजा या उम्रकैद का प्रावधान है।
पत्रकारों से बातचीत के दौरान भूपेश बघेल ने यह भी कहा कि वह भाजपा के निशाने पर हमेशा से रहे हैं। “रमन सिंह के कार्यकाल में मेरी जमीन की जांच कराई गई और मुझे जेल भेजा गया। अब भाजपा कार्यकर्ता मेरा रास्ता रोक रहे हैं, और मेरे बच्चों को पुलिस द्वारा नोटिस भेजे जा रहे हैं,” बघेल ने कहा।
उन्होंने जम्मू-कश्मीर में धारा 370 और 35A के विरोध का जिक्र करते हुए कहा कि वहां की जनता ने इन प्रावधानों को खारिज कर दिया। हरियाणा चुनाव के नतीजों पर उन्होंने कहा कि कांग्रेस शुरू से ही बढ़त बनाए हुए थी, लेकिन मशीनों के खेल ने लोकतंत्र को हरा दिया। बघेल ने कहा कि उन्हें ईवीएम पर कभी भरोसा नहीं था, और इसीलिए छत्तीसगढ़ में जब कांग्रेस सत्ता में आई, तो उन्होंने नगरीय निकायों के चुनाव बैलट पेपर से करवाए थे। उन्होंने हरियाणा के चुनावों को भी ईवीएम का खेल बताया।
नगर निकाय और पंचायत चुनावों पर बात करते हुए बघेल ने कहा कि सरकार ने अब तक स्पष्ट नहीं किया है कि आगे क्या होगा। पिछड़ा वर्ग की सर्वे रिपोर्ट भी अभी तक जारी नहीं हुई है, न ही आरक्षण पर कोई स्पष्टता है। उन्होंने यह भी सवाल उठाया कि महापौर का चुनाव प्रत्यक्ष होगा या अप्रत्यक्ष, इस पर भी विधानसभा में अब तक कोई चर्चा नहीं हुई है।